‘भारतीय कृषि उद्यमी अवार्ड’ के लिए छत्तीसगढ़ के प्रगतिशील किसान डॉ. त्रिपाठी का चयन

रायपुर। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ राज्य अपना 20 वां स्थापना दिवस मना रहा है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली से ख़ुशी की एक और खबर आई है जिसने प्रदेश के किसानों का सीना चौड़ा कर दिया। देश का प्रतिष्ठित “भारतीय कृषि उद्यमी अवार्ड- 2019” प्रदेश के कोंडागांव जिले के जैविक तथा वनौषधि खेती के किसान डॉ राजाराम त्रिपाठी को दिए जाने की घोषणा की गई है। इस आशय की घोषणा निर्णायक मंडल के सदस्यों के द्वारा की गई।

डॉ. त्रिपाठी को यह अवार्ड उनके द्वारा देश के सूखे तथा कम वर्षा वाले क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक अधिकतम उत्पादन देने वाली काली मिर्च की किस्म, भारत की शीर्ष शोध संस्थान सीएसआईआर आईएचबीटी के साथ मिलकर कड़वाहट रहित स्टीविया की किस्म का विकास व व्यावसायिक खेती , सफेद मूसली की रोग एवं फंगस रोधी तथा कम पानी में उच्च उत्पादन देने वाली किस्म, उच्च गुणवत्ता की लकड़ी तथा खेतों को में भरपूर खाद व भरपूर नाइट्रोजन प्रदान करने वाले ऑस्ट्रेलियन टीक आदि पौधों की किसानों के लिए उच्च लाभदायक की नई किस्मों के विकास और बस्तर के कोंडागांव क्षेत्र में इनका सफल व्यावसायिक मॉडल तैयार करने के लिए दिया जा रहा है । डॉक्टर त्रिपाठी मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की प्रमुख हैं तथा उन्होंने संपदा समाज सेवी संस्थान की स्थापना की है वर्तमान में वह केंद्रीय औषधीय कृषि एवं विपणन महासंघ के चेयरमैन का भी दायित्व भी निभा रहे हैं।


उल्लेखनीय है कि भारतीय कृषि एवं खाद्य मंडल के द्वारा दिए जा रहे इस बेहद प्रतिष्ठित अवार्ड के निर्णायक मंडल में भारतीय कृषि के पितामह तथा हरित क्रांति के जनक डॉ स्वामीनाथन, उच्च न्यायालय के जस्टिस तथा कृषि मंत्रालय की वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कारपोरेट जगत के विशिष्ट उद्यमी सम्मिलित थे। डॉ. त्रिपाठी 5 नवंबर से 8 नवंबर तक दिल्ली में आयोजित किये जा रहे, विश्व के कृषि क्षेत्र के सबसे बड़े समारोह “वैश्विक कृषि महासम्मेलन” के 8 नवम्बर को शिंदे सभागार, पूसा परिसर नई दिल्ली होने वाले समापन समारोह में भारत सरकार के कृषि मंत्री के हाथों सम्मानित होंगे।
इस अवसर पर भारत सरकार के मंत्रियों, उच्चाधिकारियों, वैज्ञानिकों के साथ ही कृषि तथा व्यावसायिक जगत के भारत के तथा अन्य देशों से पधारे अंतरराष्ट्रीय विशिष्ट अतिथि सम्मिलित होंगे। डॉ त्रिपाठी को यह अवार्ड दिए जाने से प्रदेश में राज्योत्सव की खुशी दुगनी हो गई जिससे पूरे प्रदेश में तथा विशेषकर किसानों में हर्ष व्याप्त है ।

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