शिकायत सामने आने से अबतक एक हजार खाताधारकों ने विभाग में शिकायत दर्ज कराई है, वहीं 325 लोगों की शिकायत पर 16 एफआईआर कैंट थाने में दर्ज हैं। विभागीय स्तर पर जांच में पांच सौ से ज्यादा खातों में जालसाजी सामने आ चुकी है। बाकी शिकायतों की जांच में अभी और समय लगेगा। मामले को पीएमओ ने गंभीरता से लेते हुए पिछले दिनों रिपोर्ट तलब की थी।
क्या था पूरा मामला?
कैंट क्षेत्राधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि प्रकरण में दर्ज कराई गई एफआईआर में नामजद सहायक डाकपाल बेचन को रविवार सुबह कचहरी के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में बेचन राम ने बताया कि वर्ष 2013 से लेकर 2018 तक वह मुख्य डाकघर में तैनात रहा। इस दौरान सुनील, विनय, प्रदीप, राजेश, रमाशंक व अविनाश से उसकी मुलाकात हुई। अधिक कमाने के चक्कर में सभी ने मिलकर हेराफेरी शुरू की। ग्राहकों से रुपये लेकर फर्जी मुहर लगी रसीद दे देते थे, लेकिन रुपये जमा नहीं करते थे। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दो टीमें बनाई गई हैं।
सीबीआई जांच की तैयारीडाकघर में बड़े पैमाने पर हुई जालसाजी की जांच सीबीआई या किसी अन्य स्पेशल एजेंसी से कराने के लिए चीफ पोस्टमास्टर जनरल ने रिपोर्ट तलब की है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल प्रवीण कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पूरी जानकारी मुख्यालय को भेज दी गई है।
Source: Uttarpradesh