दूसरे राज्यों के सैकड़ों मजदूर जंगलों के रास्ते बीजापुर पहुंचे

तेलंगाना से पैदल निकले मजदूर झारखंड, बिहार और यूपी के रहने वाले
मजदूरों के ठहरने व भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किया गया
बीजापुर।
देशभर में जारी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर वर्ग को करना पड़ रहा है जो अपने-अपने राज्य जाने के लिए भूख-प्यास की परवाह किए बिना तेज धूप में लंबा सफर तय कर रहे है। ऐसे ही सैकड़ों जो तेलंगाना में फंसे हुए थे वे अपने-अपने राज्य झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े और जंगलों के रास्ते होकर छत्तीसगढ़ के बीजापुर तक आ पहुंचे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम को गोरना मनकेलि मार्ग पर मजदूरों की भीड़ देखी गई जिसकी सूचना कोतवाली थाना पुलिस को मिली। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस ने उन्हें वहीं रोक लिया और इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। जिसके बाद स्वास्थ विभाग द्वारा इन सभी मजदूरों की प्रारंभिक जांच करते हुए मजदूरों के हांथ में अमिट स्याही लगाया गया। जिसके बाद तहसीलदार साहू ने उच्च अधिकारियों के निर्देश अनुसार सभी के रहने और खाने की व्यवस्था की गई। तेलंगाना से आये ये सभी मजदूर यूपी, बिहार और झारखंड के रहने वाले है। मजदूरों ने पूछताछ पर अधिकारियों को बताया कि वे सभी तेलंगाना मजदूरी करने गए हुए थे किंतु लॉक डाउन की वजह से वहां फंसे हुए थे। जब उनके पास पैसे खत्म हो गये और भोजन-पानी के लिए कुछ भी व्यवस्था नहीं हुई तो वे अपने-अपने घर लौटने के लिए मजबूर हो गए। मजदूरों ने बताया कि वे सभी किसी तरह तेलंगाना के चेरला पहुंचे और वहां से छत्तीसगढ़ के पामेड़ आये जहां से पैदल बासागुड़ा आये और रात रुके। दूसरे दिन बासागुड़ा से जंगलों के रास्ते गोरना मनकेली होते हुए बीजापुर पहुंचे है। तेलंगाना की सरकार और वहा के प्रशासन से हमे किसी तरह का सहयोग नही मिल पा रहा था, इस कारण हम सभी छत्तीसगढ़ में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा । हमको पूरा विश्वास है कि यहां की सरकार हमे अपने घरों तक पहुंचाने में हमारी मदद करेगी। इन सभी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन ने जांच के बाद रुकने और खाने की व्यवस्था किया है ।

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