रावघाट पहुँची रेल, 116 युवाओं को मिली नौकरी
भिलाई। विश्व की सबसे लम्बी रेल की पटरियाँ बनाने वाला भिलाई इस्पात संयंत्र ने रावघाट के सैकड़ों परिवारों के जीवन को प्रगति के पटरी पर ले आया। रावघाट में पटरियाँ बिछी और इसके साथ ही आशाओं की रेलगाड़ी सैकड़ों परिवार के लिए खुशियों की सौगात लेकर आई। बीएसपी ने दूरस्थ वनाँचलों के इन परिवारों से वायदा किया था कि उनकी जमीनों पर बिछाई जा रही इन पटरियों से उनके जीवन में विकास का एक नया अध्याय जुड़ेगा। विस्थापित परिवारों के एक सदस्य को नौकरी दी जायेगी। भिलाई ने इसे सच कर दिखाया है।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने रावघाट के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए रावघाट रेलवे लाईन बिछाने के तहत विस्थापित परिवारों के परिजन को नौकरी देने के अपने वायदे के तहत 116 युवक-युवतियों को संयंत्र में नियुक्ति प्रदान की है। नियुक्ति से पूर्व इन युवाओं को दो वर्ष के आईटीआई ट्रेनिंग दिलाई गई। जिससे इन युवाओं को नौकरी हेतु जरूरी हूनर प्रदान किया जा सके। इन दो वर्षों के आईटीआई ट्रेड में दिये गये प्रशिक्षण का सम्पूर्ण खर्च भिलाई इस्पात संयंत्र ने वहन किया है। इन युवाओं द्वारा विभिन्न टेऊड में दक्ष होने के पश्चात् इन्हें संयंत्र के सेवा में नियुक्त किया गया है।
बीएसपी ने अपना वायदा निभाया-गीता
उत्तर बस्तर कांकेर जिला के ग्राम चिचमर्रा की रहने वाली कु. गीता मंडावी एसीटी के पद पर प्लेट मिल में कार्यरत् हैं। अपने अनुभवों को साझा करते हुए कु. गीता बताती हैं कि, उनके पिता सोहन लाल मंडावी कृषक हैं। मैंने भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से ड्राफ्ट्समैन में आईटीआई किया है। वर्तमान में मैं भिलाई इस्पात संयंत्र के प्लेट मिल में कार्यरत् हूँ। रावघाट रेलवे लाईन बिछाने हेतु ली गई जमीन के समय बीएसपी ने नौकरी देने का जो वायदा किया था, उसे बीएसपी ने बखूबी निभाया है। भिलाई इस्पात संयंत्र में नौकरी पाकर मैं अत्यंत खुश हूँ। बीएसपी में नौकरी पाना मेरे जीवन की एक बड़ी उपलब्घि है।
आईटीआई का पूरा खर्च बीएसपी ने उठाया-अनिल
ग्राम टेकाढोड़ा, जिला उत्तर बस्तर के निवासी अनिल कुमार पोरडेटी ने बताया कि, उन्हें भिलाई स्टील प्लांट ने नौकरी देने से पूर्व आईटीआई प्रशिक्षित करवाया। तत्पश्चात् मुझे एसीटी पद पर नियुक्ति प्रदान की। वर्तमान में मैं एसएमएस-3 कार्यरत् हूँ। वे बताते हैं कि मेरे पिता चैन सिंह एक कृषक हैं। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं बीएसपी में नौकरी करूँगा। आज बीएसपी में नौकरी पाकर गर्व अनुभव हो रहा है। आज हमारे इलाके के विकास में भिलाई का भी बड़ा योगदान है।
बीएसपी में नौकरी मिलना एक सपने का सच होने जैसा है-पंकज
शिक्षक कुष्णा कुमार पोर्ते के सुपुत्र पंकज कुमार पोर्ते बताते हैं कि वे ग्राम गोंड बिनापाल, अंतागढ़ के रहने वाले हैं। उनके आईटीआई का सम्पूर्ण खर्चा भिलाई इस्पात संयंत्र ने उठाया। आज वे एसएमएस-3 में कार्यरत् हैं। बीएसपी में नौकरी मिलना एक सपने का सच होने जैसा है। भिलाई का बड़ा नाम सुनते थे। आज इसमें काम करना एक सुखद अनुभव है। बीएसपी प्रबंधन ने हम विस्थपित परिवारो को अपने वायदे के अनुरूप सहयोग किया है। हम बीएसपी के आभारी हैं।
रावघाट के लिए बिछी पटरियों ने हमारे जीवन को पटरी पर ला दिया-अनिल
जिला पंचायत में कार्यरत् साधु राम मरकाम के सुपुत्र अनिल कुमार मरकाम ब्लास्ट फर्नेस-8 के मेकेनिकल अनुभाग में कार्यरत् हैं। संयंत्र के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए अनिल बताते हैं कि, मुझे यहाँ काम करना अच्छा लगता है। भिलाई के रेल पटरियों के बारे में सुना था, आज दुनिया की सबसे लम्बी रेल पटरियों को देखने का भी मौका मिला। रावघाट में बिछाई जा रही इन पटरियों ने हमारे जीवन में एक नया परिवर्तन ला दिया है। आज हम गर्व से बताते हैं कि हम भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी करते हैं।