जिले में 20 हजार शिशुवती को सूखा राषन और 26 हजार बच्चों को पौष्टिक लड्डू का वितरण
बिलासपुर। लोधीपारा सरकंडा की सुमन कंसारी सामान्य दिनों की तरह अपनी दिनचर्या व्यतीत कर रही है। उसे कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिये प्रदेश में लागू लाॅकडाउन का कोई खास असर नहीं पड़ा है। उसे घर पर ही आंगनबाड़ी केन्द्र की सुविधा उपलब्ध है। सुमन की 5 माह की बच्ची है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उसे घर पर ही आकर रेडी टू ईट (सूखा राशन) दे गयी है। उसे आंगनबाड़ी केन्द्र तक जाना नहीं पड़ता है। इसी तरह षिशुवती ममता, नेहा श्रीवास, ज्योति साहू एवं गर्भवती विनीता राय ने भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिये हैं। उन्होंने कहा कि समय पर टीकाकरण एवं पूरक पोषण आहार की सुविधा घर पर ही मिली है। बच्चों के समग्र विकास के लिये डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अभिभावकों तक सटीक सूचनाएं प्रेषित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के बंद होने से शिशुवती एवं बच्चों के स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा व्यापक प्रबंध किया गया है। इस दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किये जाने वाले पूरक पोषण आहार को सूखा राशन के रूप में घर तक पहुंचाकर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले के 20 हजार से अधिक शिशुवती माताओं को घर-घर जाकर सूखा राशन दिया गया है। वहीं बच्चों की सुपोषण के लिये 26 हजार से अधिक बच्चों के लिये पौष्टिक लड्डू का वितरण किया गया है। संबंधित हितग्राहियों को पौष्टिक आहार पैकेट बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनके घरों में प्रदान किया गया है।