देश की राजधानी दिल्ली में सोशल डिस्टेंस के नाम पर खिलवाड़

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देशवासियों से अपील की थी कि अपने अपने घरों में रहकर भी कुरौना वायरस को मार दिया जा सकता है। देश के छोटे-छोटे राज्यों के शहरों में तो यह देखने को मिल जा रहा है की लोग अपने घरों से निकलने में थोड़ा सा हिचक है क्योंकि हमारे देश की पुलिस लोगों के साथ सख्ती बरत रही है। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में लुटियंस जोन को छोड़ दिया जाए तो जितनी भी घनी आबादी वाले मोहल्ले हैं वहां ऐसा देखने को नहीं मिलता है शाम होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकलकर आम दिनों की तरह अपने अपने मुहल्लों के बाजारों में सामान खरीदते दिख जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन की भी अब अब नरम पड़ रही है क्योंकि पांडव नगर गणेश नगर, लक्ष्मी नगर इत्यादि मोहल्लों लोगों ने यह बात मानी नहीं है कि लोग सोशल डिस्टेंस का पालन एकदम नहीं कर रहे हैं। कहा जाता है कि देश की राजधानी दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के पढ़े लिखे लोग आकर यहां रहते हैं और उन्हें जीने की अच्छी तरह से तहजीब मालूम है। लेकिन दिल्ली में तो पढ़े लिखे लोग हैं सोशल डिस्टेंस का मजाक बनाकर रखे हुए हैं लोगों को यह समझ में ही नहीं है की पूरी दुनिया इस कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। कोरोना वायरस को अगर हराना है इस पर पूरी दुनिया के डॉक्टरों का यही कहना है की लोग जितना सोशल डिस्टेंस का पालन करेंगे अपने घरों में रहेंगे इस बीमारी को अपने से उतना ही दूर रख पाएंगे। लेकिन अब दिल्ली में बहुत कम ही सोशल डिस्टेंस नियम का पालन हो रहा है। राज्य सरकार केंद्र सरकार पर पल्ला झाड़ कर अपने दायित्वों से आंख मूंद ले रही है कि मेरे हाथों में कुछ नहीं है इस नियम को पालन कराने के लिए जो सख्ती से पालन किया जा सकता है इसके लिए पुलिस प्रशासन दिल्ली सरकार के पास नहीं है पुलिस प्रशासन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंदर में आता है इसलिए केजरीवाल सरकार इन सब बातों पर अपना हाथ झाड़ ले रही है।

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