भिलार्ई। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग द्वारा ‘‘स्मार्ट होम्स बेसिक’’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के संयोजक डॉ. रेश्मा लोकेश ने बताया कि, वर्तमान समय गैजेट्स और टेक्नालॉजी का है। आज का युवा अधिकतर कार्यों के लिये गैजेट्स का उपयोग करता है। स्मार्ट फोन एवं कनेक्टेड गैजेट्स जीवन का अभिन्न अंग बनते जा रहे है। स्मार्ट होम्स से तात्पर्य ऐसे घर से है जो कि न सिर्फ आरामदायक बल्कि सुरक्षित भी हो। जिसके लिये टेक्नालॉजी और गैजेट्स का उपयोग किया जाता है। ये मंहगा होने के बावजूद उच्च गुणवत्ता प्रदान करता है। अत: कुछ उपकरणों के प्रयोग से अपने वर्तमान गृह को स्मार्ट होम में परिवर्तित किया जा सकता है। छात्राओं के लिये इससे संबंधित जानकारी प्रदान करने हेतु उक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ के रूप में डॉ. लोकेश सिंह, विभागाध्यक्ष, सिविल, सुश्री अनिशा मिरा एवं सुश्री के.दिव्या सहायक प्राध्यापक सिविल, आर.एस.आर. रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी भिलाई उपस्थित थे।
डॉ. लोकेश सिंह ने गृह निर्माण हेतु विभिन्न प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल जैसे कांक्रीट,ब्रिक्स, टिम्बर, ग्लास एवं प्लास्टिक आदि के उपयोग के बारे में बताया। सुश्री अनिशा मिरा एवं सुश्री के.दिव्या ने हाऊस प्लान बनाने की विधि एवं प्रायोजन तथा होम ऑटोमेशन के अंतर्गत, स्मार्ट लाईट बल्ब, स्मार्ट स्पीकर, स्मार्ट सविलंस कैमरा, स्मार्ट स्वीच, आई.ओ.टी. उपकरण कनेक्टेड असेसरिस आदि के बारे में जानकारी दी। डॉ. रेश्मा लाकेश ने बताया किस्मार्ट होम्स या होम आटोमेशन भारत में नया है, इस टेक्नालॉजी का इस्तेमाल ज्यादा नहीं किया जा रहा है। लोगों को यह नहीं पता है कि उन्हें शुरूआत कहाँं से करनी है। अत: छात्राओं को ऐसे गैजेट्स और टेक्नालॉजी मालूम होनी चाहिये जिसके सहयोग से वह अपना काम सरल करें और अपने घर को स्मार्ट होम बना सकें।