रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी ने राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई है। कंपनी देशभर की 41 वितरण कंपनियों की सूची में 31 से सीधे 20वें स्थान पर पहुंच गई है। सालभर में कंपनी का ग्रेड बी से बी प्लस हो गया है। इस दौरान कंपनी ने अपना घाटा 979 करोड़ से कम करके 30 करोड़ कर लिया है।कंपनी ने तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को भी कम किया है। हालांकि कंपनी के कुल राजस्व का बड़ा हिस्सा अब भी कर्मचारियों पर खर्च हो रहा है। सरकार भी सब्सिडी की राशि देने में देर कर रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने तीन दिन पहले ही देश की सभी 41 सरकारी बिजली वितरण कंपनियों की रैकिंग जारी की है। मंत्रालय पिछले कुछ वर्षों से रैकिंग जारी कर रहा है।2018 की रैकिंग में बिहार की नार्थ बिहार और उत्तर प्रदेश की कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी छत्तीसगढ़ के ऊपर थीं। इस बार नार्थ बिहार 22 और कानपुर 24वें स्थान पर है। कानपुर पिछली बार भी 24वें स्थान पर थी, जबकि नार्थ बिहार 17वें स्थान पर थी। बिहार की दूसरी वितरण कंपनी 25वें स्थान पर है। वहीं, यूपी की बाकी तीन कंपनियां क्रमश: 31, 35 और 36वें स्थान पर हैं।