झाबुआ । झाबुआ जिले के उमरकोट, माछलिया, करवड़, बोलायता, कल्याणपुरा, मदरानी तथा ढेकल में बुधवार को भगोरिया हाट भरा। आलीराजपुर जिले में चांदपुर, बरझर और बड़ी खट्टाली में आदिवासी समाजजन मांदल की थाप और बांसुरी की धुन पर थिरके। गेर निकाली गई। धार जिले के सुसारी, राजगढ़ के पास ग्राम गोलपुरा और ग्राम कराड़ा में भगोरिया की धूम रही। बड़वानी जिले में सात स्थानों पर भगोरिया के हाट लगे।
झाबुआ जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर ढेकल ग्राम में बुधवार को भगोरिया मेला आयोजित किया गया। यहां सुबह 10 बजे से ही ग्रामीण मेला स्थल पर पहुंचने लगे थे। भगोरिये मेले में 30 से अधिक झूले-चकरी लगाए गए। दोपहर 12.30 बजे से मेला स्थल पर भीड़ एकत्रित होने लगी थी। दोपहर 2 बजे तक मेला स्थल खचाखच भर गया। यहां बड़ी संख्या में खाद्य सामग्री की दुकानें लगाई गई। खिलौनों की बिक्री भी जमकर हुई। महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियां भी जमकर खरीदी।
रानापुर: क्षेत्र का दूसरा भगोरिया मेला कंजावाणी में आदिवासी संस्कृति के अनुरूप भराया। पहली बार सीसीटीवी कैमरे की नजर में मेला आयोजित हुआ। पुलिस प्रशासन व डॉक्टर भी मेले में मुस्तैद रहे। रानापुर के दूरस्थ ग्राम कंजावाणी भगोरिये में आसपास के ग्रामों के लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। यहां व्यापार भी अच्छा चला। कंजावाणी के सरपंच गवरसिंह ने बताया कि आदिवासी संस्कृति की पहचान स्वरूप मनाए जाने वाले भगोरिया पर्व के लिए पंचायत की ओर से आगंतुकों के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई। पानी के टैंकरों की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। साथ ही व्यापारियों को किसी तरह की कठिनाई न हो, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया।
कालीदेवी: ग्राम रोटला तथा मछलिया में बुधवार को भगोरिया की धूम रही। आसपास के हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने मेले का आनंद लिया। रोटला में भगोरिया बड़ी धूमधाम से लोगों ने मनाया। हाट में 200 दुकानें और 30 से अधिक झूला-चकरी लगे। भगोरिया में लोक नृत्य कर ग्रामीण झूला का लुत्फ उठा रहे हैं। मेघनगर: होली का त्यौहार नजदीक आते ही हाटों में भीड़ का माहौल बन जाता है। दुकानें भी सजकर तैयार रहती है। दिन-प्रतिदिन भगोरिया परवान पर चढता दिखाई दे रहा है। आदिवासी युवक-युवतियों में गुलालिया हाट को लेकर विशेष उत्साह दिखाई दिया। होली के पर्व के पूरे सप्ताह में हर वार को लगने वाले बाजार गुलालिया-भगोरिया के नाम से प्रसिद्ध है।