जलेश्वर महोत्सव की तैयारी शुरू

बालोद।जिला मुख्यालय के गंजपारा स्थित दशौदी तालाब के जलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आठवे जलेश्वर महोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस साल भी 28 फरवरी से 2 मार्च तक चार दिनों का कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जलेश्वर महादेव के विशाल शिव तक जाने के लिए मंदिर समिति द्वारा लोहे का एंगल व प्लेट लगाकर मार्ग बनाया जा रहा हैं। इसके साथ ही प्लेट की सीडी बनाई जा रही हैं।
इन सीडियों से श्रृद्धालु पहुंचकर विशाल शिवलिंग का पूजा अर्चना व जलाभिषेक कर सकेंगे। आयोजन के मद्देनजर मंदिर परिसर व दशोदी तलब को सजाने तथा रंग रोगन का काम शुरू हो गया है। वहीं कोलकाता के कारीगरों द्वारा विशेष पंडाल का निर्माण भी किया जाएगा। महोत्सव के दौरान भगवान जलेश्वर महादेव को एक मार्च को तीन करोड़ से अधिक मंत्रों से जलधरी में अर्पण किया जाएगा।
500 से अधिक भक्त लिख रहे पंचाक्षरी मंत्र
पंचाक्षरी मंत्र लिखने के लिए मंदिर समिति ने दो कक्ष बनाए हैं। एक कक्ष में महिला व दूसरे कक्ष में पुरुषों के लिए व्यवस्था की गई है। जहां 500 से अधिक शिव भक्त सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक मंत्र लेखन करते हैं।
कोलकाता के नौ पंडित पढ़ेंगे वेदमंत्र
28 फरवरी से शुरू हो रहे महोत्सव में कोलकाता के नौ वैदिक पंडित वेद मंत्रों का उच्चारण करेंगे और श्रद्धालु जलेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करेंगे। शिवभक्त एक-एक कर दूध व गंगाजल से जलेश्वर महादेव का अभिषेक करेंगे। यहां ऐसे वृहद कार्यक्रम का आठवा वर्ष होगा, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालु जुटते हैं।
महोत्सव में ये होंगे आयोजन
दसौंदी तालाब स्थित जलेश्वर महादेव मंदिर के प्रमुख ने बताया कि 28 फरवरी को मंगल शांति पाठ, गणेशंबिका पूजा, यज्ञादिक संकल्प, मंडप पूजन का कार्यक्रम होगा। 28से 01 मार्च तक शांतिपाठ, वेदियों की पूजा, महामंत्र पुस्तिका पूजन एवं राजोपचार शिव सपरिवार पूजा होगी, जिसमें मंत्र लिखने वाले सभी भक्त परिवार सहित पूजा में शामिल होंगे। वहीँ एक मार्च को ही मत्र लेखन पुस्तिका को जलेश्वर महादेव के जलधरी में अर्पण किया जाएगा। महोत्सव के दौरान प्रति दिन शाम 7 बजे जलेश्वर महादेव की महाआरती की जाएगी जिसके बाद भक्तो को प्रसाद वितरण किया जाएगा।
महाभिषेक जल का होगा वितरण
एक मार्च को मंत्र पुस्तिका शिव को अर्पण किया जाएगा। 2 मार्च को यज्ञादि पूजन, हवन कर्म, पूर्णाहुति होगी। इसके साथ ही दोपहर एक बजे से मनोरथ भोग एव अमृतस्वरूप जल का वितरण किया जाएगा। महाभिषेक जल वह जल होता है, जो शिव कुण्ड जल में अर्पण किए गए मंत्रों से प्राप्त होता है। मंत्र अर्पण के दौरान मंत्र पुस्तकों को शिव की जलधारी में रखा जाता है,जिसे भक्तो द्वारा रस्सी के सहारे खीच कर कुण्ड में अर्पित किया जाता हैं। शिव कुंड में मंत्रों के पानी को ही प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
जलेश्वर महादेव की है विशेष ख्याति
बालोद के गंज पारा स्थित जलेश्वर महादेव दसौंदी तालाब की विशेषख्याति रही है। सावन सोमवारी व महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मां जी फाउंडेशन के जरिए मंदिर को लंबे समय से सहेजा जा रहा है। आज यह मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बिंदु बन चुका है। यज्ञदत्त शर्मा द्वारा इस मंदिर को अपने नगर पालिका के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान विकसित किया गया हैं।
27 करोड़ 7 लाख 9 हजार 930 ओम नमः शिवाय मंत्र शिव जी को अर्पित
प्रथम मंत्र अभिषेक 3 करोड़ 17 लाख 87 हजार 809 मंत्र।
दिव्तीय मंत्र अभिषेक 3 करोड़ 76 लाख 52 हजार 79 मंत्र।
तृतीय मंत्र अभिषेक 4 करोड़ 85 लाख 64 हजार 121 मंत्र।
चतुर्थ मंत्र अभिषेक 4 करोड़ 32 लाख 31 हजार 131 मंत्र।
पंचम मंत्र अभिषेक 3 करोड़ 85 लाख 55 हजार 32 मंत्र।
षष्टम मंत्र अभिषेक 3 करोड़ 27 लाख 3 हजार 515 मंत्र।
सप्तम मंत्र अभिषेक 3 करोड़ 42 लाख 16 हजार 243 मंत्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *