उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर लगातार 44 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे। महापर्व पर राजाधिराज महाकाल आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घंटे पहले जागेंगे। 20 फरवरी को रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। पश्चात भस्मारती होगी। इसके बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो निरंतर 22 फरवरी की रात 11 बजे शयन आरती तक चलेगा। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एकमात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि, शिवनवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। इस बार भी 13 फरवरी से शिवनवरात्रि की शुरुआत होगी। प्रतिदिन भगवान का अलग-अलग रूप में आकर्षक श्रृंगार होगा। 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के लिए 20 फरवरी की रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे तथा भस्मारती होगी।आरती पश्चात सुबह 5 बजे से आम दर्शन की शुरुआत होगी। दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की जाएगी। शाम 4 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन किया जाएगा। इसके बाद रात्रि 11 बजे से रात्रि पर्यंत महापूजा होगी। पूजन उपरांत 22 फरवरी को तड़के 4 बजे भगवान महाकाल का सप्तधान रूप में श्रृंगार कर उनके शीशसवामन फूल व फलों का सेहरा सजाया जाएगा। सुबह 10 बजे तक भक्तों को सेहरे के दर्शन होंगे। इसके बाद सेहरा उतारने का क्रम शुरू होगा। सेहरा उतारने के बाद दोपहर 12 बजे साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मारती होगी। रात 11 बजे 44 घंटे बाद मंदिर के पट बंद होंगे।ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह 9.30 से दोपहर एक बजे तक विशेष पूजा अर्चना होगी। शाम को दोपहर 3 बजे से संध्या पूजन तथा इसके बाद भगवान का विशेष श्रृंगार होगा। विशेष अभिषेक-पूजन के समय गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश निषेध रहता है। ऐसे में पूर्वानुसार चले आ रहे प्रोटोकॉल दर्शन का समय प्रभावित होगा। गुरुवार को आला अधिकारियों की बैठक में शिवनवरात्रि तथा महाशिवरात्रि के दिन गर्भगृह में प्रवेश का समय निर्धारित किया जाएगा।