कोरबा। देश में फैलती मंदी से निपटने में मोदी सरकार की विफलता, अर्थव्यवस्था की बर्बादी और आम जनता की बदहाली के खिलाफ वामपंथी पार्टियों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर कोरबा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अभियान चला कर तानसेन चौक में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। माकपा नेता प्रशांत झा ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और एफडीआई के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। देश में जीडीपी की दर में भारी गिरावट आने से स्पष्ट है कि उद्योग-धंधे और खेती-किसानी दोनों चौपट हो गए हैं, जिससे पिछले ढाई सालों में ही चार करोड़ लोग अकल्पनीय ढंग से बेरोजगार हो गए हैं। आम जनता की क्रयशक्ति में गिरावट आना ही इस मंदी का मुख्य कारण है। मंदी से निपटने के नाम पर इस सरकार ने कॉर्पोरेटों और धनी तबकों को करों में छूट के रूप में जो बेल-आउट पैकेज दिया है, उससे एक सप्ताह में ही उनकी तिजोरी में 13 लाख करोड़ रुपये जमा हो गए हैं, जबकि जरूरत सार्वजनिक कल्याण कार्यों में निवेश के जरिये रोजगार पैदा करके मांग बढ़ाने की थी। इसके उलट वह निजीकरण-विनिवेशीकरण की ऐसी नीतियां लाद रही है जिससे बेरोजगारी और आर्थिक असमानता में और वृद्धि होगी। आम जनता के जीवन-स्तर में गिरावट आएगी। माकपा ने जिले में बीसीपीपी प्लांट सहित सभी बंद प्लांटों को चालू करने की मांग की है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। सभा को धनबाई कुलदीप, एसएन बैनर्जी, एसएन घोष, वीएम मनोहर, जनाराम कर्ष, राम पूजन ने भी संबोधित किया।