पाबंदी का नहीं हो रहा पालन
कोरबा। उपभोक्ताओं को ईनामी योजना, ईनामी चिट व अनेक तरह की इससे मिलती-जुलती योजनाओं का झांसा देकर त्योहारी सीजन में भरपूर लाभ उठाने की तैयारी अधिकांश व्यवसायियों ने कर ली है। इस तरह की योजनाओं पर जहां प्रतिबंध लागू है वहीं जिम्मेदार विभाग अपनी आंखे मूंदे बैठा है। प्रतिबंधित योजना को क्रियान्वित करने से रोकने की दिशा में किसी भी तरह की कार्रवाई न तो की जा रही है और न ही अब तक संज्ञान लिया गया है जिससे उपभोक्ताओं को गिफ्ट वर्षा के लोभ में आकर हर सूरत में छलकर अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
दुर्गा पूजा व दशहरा के बाद दीपावली की तैयारियां बाजारों में शुरू हो गई है। ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के अलावा विभिन्न कंपनियों के उत्पात अपने प्रतिष्ठान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा बिक्री करने की भी कवायदें दुकानदारों, अधिकृत विक्रेताओं ने शुरू कर दी है। त्योहारी सीजन में केन्द्रीय व राज्य उपक्रम यथा एसईसीएल, एनटीपीसी, सीएसईबी, बालको व अन्य संस्थानों के कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस पर भी व्यवसायियों की खास निगाह रहती है। दीपावली के पहले दिन धनतेरस व पुष्य नक्षत्र में बाजार में बूम आने की उम्मीद व्यवसायी लगाए बैठे हैं तो दूसरी ओर विभिन्न ईनामी योजनाओं के जरिए उपभोक्ताओं की जेब ढीली करने की भी योजना पर काम हो रहा है। विभिन्न सामग्रियों की खरीदी पर ईनामी कूपन, स्क्रैच कार्ड या अन्य तरह के ऑफर देने का प्रलोभन पूरे शबाब पर हैं। प्रचार वाहनों के माध्यम से, पोस्टर-पाम्पलेटों के जरिए भी जनमानस में अपने-अपने प्रतिष्ठान से ही निर्धारित राशि का सामान खरीदने पर अतिरिक्त लाभ ईनाम के तौर पर प्राप्त करने का सब्जबाग दिखाया जा रहा है। अच्छा ईनाम मिलने के लालच में उपभोक्ता इन दुकानों में पहुंचकर सामान तो खरीदेगा लेकिन जब ईनाम की बारी आएगी तब उसे किसी न किसी तरह से ठगे जाने का ही आभास होगा। कई ऐसे मौके भी आते हैं जब निकला ईनाम, कूपन अथवा स्क्रैच कार्ड का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता को दुबारा उसी दुकान में जाकर खरीदारी करनी होगी। खरीदी पर बम्पर ईनाम के अलावा धन प्रचालन जैसी योजनाएं पाबंदीपूर्ण होने के बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारी, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने वाला अमला इस ओर से अनजान हो, ऐसा संभव नहीं लेकिन किसी तरह की जांच-पड़ताल से भी दूरी विभागों ने बनाए रखी हैं।
0 क्या कहता है अधिनियम
ईनामी चिट व धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 की धारा 3 के अनुसार ईनामी योजनाएं चलाना प्रतिबंधित है और उल्लंघन भी। कोई भी व्यक्ति किसी ईनामी चिट या धन प्रचालन स्कीम का संप्रवर्तन या संचालन नहीं करेगा और न ही किसी ऐसी चिट या स्कीम के सदस्य के रूप में अपना नाम दर्ज कराएगा। उसमें भाग भी नहीं लेगा और ऐसी चिट या स्कीम के अनुसरण में कोई धन भी प्राप्त नहीं करेगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो यह कृत्य ईनामी चिट व धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 की धारा 3 का उल्लंघन है और धारा 4 के अनुसार वह कारावास जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माना लगाया जा सकता है जो 5 हजार रुपए तक हो सकता है या फिर दोनों दण्ड देने का भी प्रावधान है।