गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स सामने आ चुके हैं। लगभग सभी जगह भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन इनके ही बीच आम आदमी पार्टी के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। अगर नतीजे एग्जिट पोल की तरह ही होते हैं तो राज्य में तीसरी पार्टी की बड़ी दस्तक तय है। हालात साल 1990 में हुए चुनाव की तरह ही नजर आ रहे हैं, जिसे गुजरात में भाजपा के बढ़ने का समय माना जाता है।
तो त्रिकोणीय हो जाएगी गुजरात की जंग
गुजरात के चुनावी रण में मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस को ही देखा गया है, लेकिन इस बार आप की थोड़ी भी मौजूदगी राजनीतिक समीकरण बदल सकती है। अब तक राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस से दिल्ली और पंजाब जीतने में सफलता हासिल की है। वहीं, अगर आप गुजरात में कुछ सीटें भी जीतती है, तो वह भाजपा के गढ़ में एंट्री लेने के लिए तैयार हो जाएगी। यह ऐसे समय पर होगा जब भाजपा लगातार गुजरात में आप के उदय को कमजोर करने की कोशिश में जुटी हुई है।
1990 में क्या हुआ था?
अगर एग्जिट पोल के आंकड़े नतीजों में नजर आते हैं, तो गुजरात में भी बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत मिलने लगेंगे। हालात 1990 की तरह हो जाएंगे, जहां मुकाबला कांग्रेस, भाजपा और जनता दल के बीच था। कहा जाता है कि इस चुनाव से भाजपा का उदय हुआ था। उस दौरान भाजपा ने 143 सीटों पर लड़कर 67 सीटें अपने नाम की। वहीं, कांग्रेस 33 सीटों पर सिमट गई। जनता दल को 147 में से 70 सीटें मिली थी।
कांग्रेस के दो रिकॉर्ड रहेंगे बरकरार
एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा अपना ही साल 2002 (127 सीटों) का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। हालांकि, इसके बाद भी कांग्रेस का 1985 का 149 सीटों और 1980 का 141 सीटों का रिकॉर्ड बरकरार रह सकता है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया अलग परिणाम आने की बात कर रहे हैं। बातचीत में उन्होंने मौजूदा हालात की तुलना 1990 से की। उन्होंने कहा, ‘(तब) कांग्रेस का घमंड, बिखरा विपक्ष, जहां भाजपा और जनता दल को उम्मीदवार खोजने में भी दिक्कत हो रही थी और हमारी सीटें 149 से 33 पर आ गई थीं। जो स्थिति कांग्रेस की 1990 में थी, वही भाजपा की 2022 में है और इसलिए आप पैर जमा सकती है। हो सकता है कि पार्टी कुछ सीटों पर वोट कटाओ पार्टी बने।’