भिलाईनगर। दर्शकों का शोर, खिलाडिय़ों का जोर और मैदान में उड़ती धूल के बीच गेड़ी पर खड़े खिलाड़ी और गोल करने के लिए बॉल के पीछे गेड़ी पर भागते इन स्कूली बच्चों ने लोगों को रोमांच से भर दिया। आज छत्तीसगढ़ की मिट्टी के खूशबू से सराबोर हुआ दुर्ग के सुराना कॉलेज का मैदान, जहाँ आज भिलाई इस्पात संयंत्र के सीएसआर के सहयोग से एक नये खेल का आगाज किया गया। यह खेल है गेड़ी-बॉल प्रतियोगिता। बीएसपी के सीएसआर विभाग के इस अभिनव पहल का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संयंत्र के कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एस के दुबे ने किया। इस अभिनव पहल को सीएसआर की विभागाध्यक्ष व महाप्रबंधक श्रीमती अताशी प्रमाणिक के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
गेड़ी का रोमांच और फुटबॉल का जोश है गेड़ी-बॉल
इस नये खेल गेड़ी-बॉल की परिकल्पना संयंत्र के पूर्व अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा किया गया। गेड़ी-बॉल की इस अवधारणा के प्रणेता पूर्व कार्यपालक निदेशक एस.के.जैन एवं इसे मूर्त रूप देने वाले सीएसआर के पूर्व कार्मिक व खेल प्रशिक्षक ताजुद्दीन विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर संयंत्र के पूर्व अधिकारी पी.के.तिवारी, आर.एन.साबत सहित सीएसआर के महाप्रबंधक अरूण तोपनो एवं अन्य अधिकारीगण पी.के.जैन एवं विवेक मिश्रा उपस्थित रहे। इस समारोह के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन सीएसआर के महाप्रबंधक अरूण तोपनो ने दिया।
छत्तीसगढ़ के मिट्टी की खूशबू है गेड़ी-बॉल में – दुबे
इस अभिनव खेल गेड़ी-बॉल का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि एस.के.दुबे ने खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि, मैं इस खेल के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मिट्टी की खूशबू को महसूस कर पा रहा हूँ। गेड़ी पर आपका संतुलन और बॉल पर आपका नियंत्रण देखकर मैं आपके प्रतिभा का कायल हो गया हूँ।
प्रतियोगिता का पहली बार हुआ आयोजन
पहली बार आयोजित इस गेड़ी-बॉल प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की गई। आज सेमीफाइनल व फाइनल मैच खेले गए। इस प्रतियोगिता में विभिन्न गाँव के मिडिल स्कूल के बच्चों ने भाग लिया। खपरी सिलोदा, बोरई, पुरई और पाउवारा के स्कूली बच्चों के बीच सेमीफाइनल खेला गया और अंत में पाउवारा एवं खपरी सिलोदा के मध्य फाइनल मैच खेला गया, जिसमें पाउवारा टीम 3-1 से विजयी रही। 30 मिनट के इस नये खेल में प्रत्येक टीम में 9-9 खिलाड़ी होते हैं, जो गेड़ी पर चढक़र बॉल से खेलते हुए गोल करते हैं।