बिलासपुर.
राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने थाना प्रभारी वीरेंद्र श्रीवास्तव पर घर में घुसकर परिवार के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। अजय सिंह का आरोप है कि रविवार की देर रात नशे की हालत में उनके घर में घुसकर उनके बच्चों के साथ मारपीट की और उनकी बच्ची के साथ छेड़खानी की। रात 12 से 12:30 बजे तक अजय सिंह के घर पुलिस प्रशासन और अजय सिंह के परिजनों के बीच गहमा-गहमी की स्थिति बनी रही।
बाद में अजय सिंह के परिजन रात 12:30 बजे भैरमगढ़ थाना पहुंचे। अजय सिंह ने बताया है कि 'उन्हें और उनके परिवार को परेशान करने के उद्देश्य से थाना प्रभारी वीरेंद्र श्रीवास्तव नशे की हालत में आकर उनके सुरक्षा गार्ड के फोन से उन्हें फोन कर नीचे आने के लिए धमकाया। जब मैंने उनसे कहा कि अभी मेरी और मेरी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं है। मैं कल सुबह आकर आपसे मिलूंगा तो उन्होंने कहा कि तू नीचे आता है कि मैं ऊपर आऊं। अजय ने बताया कि इस दरमियान जब उनका बेटा वीडियो बना रहा था तो थाना प्रभारी ने उनके बच्चे को मारकर फोन नीचे गिरा दिया और मेरी बच्ची के साथ अभद्र व्यवहार किया।' अजय सिंह ने बताया, 'मैं तुरंत अपने परिवार के साथ शिकायत दर्ज कराने थाना पहुंचा, लेकिन रात 12:30 बजे से अगले दिन चार बजे तक मेरी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।'
इस मामले में एसडीओपी भैरमगढ़ तरेश साहू का कहना है कि अजय सिंह पर जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। जिसे प्रशासन द्वारा 22 तारीख को निरस्त कर दिया गया, लेकिन इसकी सूचना थाने में नहीं दी गई। अजय के घर थाना प्रभारी जिला बदर करवाई निरस्तीकरण के आदेश की कॉपी लेने गया था। एसडीओपी ने माना है कि थाना प्रभारी को रात के 12 बजे अजय के घर नहीं जाना चाहिए था। एफआईआर नहीं लिखे जाने के सवाल पर एसडीओपी साहू ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई है, जिसकी जांच की जा रही है। इसके बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं, इस पूरे मामले में थाना प्रभारी वीरेंद्र श्रीवास्तव से बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी वह बाहर हैं बाद में बात करेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वीरेंद्र श्रीवास्तव अजय सिंह के घर जाकर उनके फॉलो गार्ड के फोन से अजय को फोन कर नीचे आने की धमकी दे रहे थे और साथ में कह रहे थे कि अगर तुम नीचे नहीं आओगे तो मैं ऊपर आता हूं। यह तकरीबन आज 12:00 बजे के आसपास की घटना है, अजय सिंह ने कहा कि वह सुबह थाने में आकर मिलेंगे तो वीरेंद्र काफी गुस्सा हो गए और पूरे मामले की वीडियो बना रहे अजय के बेटे को मार कर उनका फोन गिरा दिया।
दोनों पक्षों के बीच झड़प होने के पश्चात डॉक्टर मुलाहिजा के लिए दोनों पक्षियों को अस्पताल जांच के लिए ले जाया गया, जहां पर थाना प्रभारी वीरेंद्र ने अल्कोहल जांच के लिए डॉक्टर को खून का नमूना देने से इंकार कर दिया। इस बारे में एसपी आंजनेय वार्ष्णेय का कहना है कि मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है। समिति के जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।