पटना.
जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लेकर बैठक बुलाने की मांग करते हुए जिला पार्षद के प्रधान लिपि को ज्ञापन दिया है। अध्यक्ष के निजी सचिव को दिए गए ज्ञापन में 17 जिला परिषद सदस्यों ने हस्ताक्षर कर अपनी सहमति व्यक्त की है। पत्र के माध्यम से जिला परिषद की अध्यक्षा नैना कुमारी व उपाध्यक्ष डॉ. शीतल प्रसाद यादव के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष बैठक बुलाने की मांग की गई है।
पत्र के माध्यम से पार्षदों ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर विकास कार्यों में अभिरुचि नहीं लेने, पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध विकास राशि को सही समय पर खर्च न करने व जिला परिषद की बैठक सही समय पर नहीं बुलाने का आरोप लगाते हुए इन पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष बैठक बुलाने की मांग की गई है। इन पार्षदों ने बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 70 की उप धारा चार की कंडिका एक के आलोक में विशेष बैठक आयोजित कर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने की संबंधित पदाधिकारी से अपील भी की है। ज्ञापन की प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी को भी भेजी गई है।
46 में 17 पार्षदों ने जताया है विरोध
सूत्रों का मानें तो जिला परिषद के खेल में महागठबंधन और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की इंट्री हो चुकी है। वर्तमान चेयरमैन नैना कुमारी महागठबंधन के नेताओं ने जिला परिषद अध्यक्ष पद पर आसीन किया था। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद एनडीए के नेताओं द्वारा जिला परिषद अध्यक्ष पद पर भाजपा नेता को बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है। जिला परिषद अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए भाजपा के प्रदेश नेता अमित कुमार की पत्नी पूर्व जिला परिषद अध्यक्षा करुणा कुमारी को सामने लाया गया है। लेकिन अब तक जिला परिषद उपाध्यक्ष डाॅ. शीतल प्रसाद यादव के विरुद्ध एक भी उम्मीदवार सामने नहीं आए हैं। वर्तमान और पूर्व जिला परिषद अध्यक्षा नैना कुमारी की कुर्सी बरकरार रखने के लिए पार्षदों को लुभाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। बीते दिनों नये साल के नाम पर करीब 27 पार्षदों को गया से बाहर ले जाया गया था। वहीं पूर्व जिला परिषद अध्यक्षा करुणा कुमारी के पति भाजपा नेता अमित कुमार पार्षदों के घर घर जाकर समर्थन जुटाने में लगे हैं।
अब चलेगा पैसों का खेल
वहीं एक जिला परिषद सदस्य ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि चेयरमैन नैना देवी का दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। अब अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखकर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है। पार्षदों का समर्थन और जादुई आंकड़े जुटाने के लिए अब पैसों का खेल शुरू हो गया है। एक प्रत्याशी ने एक पार्षद को दो लाख रुपए देने की बात सामने आई है। वहीं दूसरे प्रत्याशी भी अपने स्तर से पैसा देने और चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होने के बाद कई लोकलुभावन वादे कर रहे हैं।