नई दिल्ली
भारत पिछले कुछ महीनों से रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल मंगा रहा है। इसकी बदौलत रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया है। लेकिन दिसंबर में रूस से कच्चे तेल का आयात 11 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। दिसंबर में भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से रोजाना 14.8 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया जो कि नवंबर के मुकाबले 11.6 परसेंट कम है। दिसंबर में रूस से कच्चे तेल का आयात जनवरी, 2023 के बाद सबसे कम है। पिछले साल के पहले महीने में भारत ने रूस से रोजाना 14.1 लाख बैरल कच्चा तेल मंगाया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर में भारत को रूस से सोकोल ग्रेड क्रूड की कोई डिलीवरी नहीं मिली जबकि यूराल क्रूड का आयात में कोई बदलाव नहीं आया। कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स Kpler के लेटेस्ट शिपिंग डेटा में यह बात सामने आई है। सोकोल क्रूड का उत्पादन चीन के सुदूर पूर्व इलाके में होता है। इसे पश्चिमी देशों के पाबंदी और पेमेंट की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इस कारण आईओसी के लिए सोकोल क्रूड ला रहे छह टैंकर कई दिनों तक भारतीय समुद्र में खड़े रहे। इनमें से दो ने तो चीन का रुख कर दिया।
दिसंबर में भारत के ऑयल इम्पोर्ट में रूस की हिस्सेदारी 32.9 परसेंट रही। भारत ने रूस से कुल 45.1 लाख टन कच्चा तेल मंगाया। इराक की हिस्सेदारी 22 परसेंट और सऊदी अरब की 15.6 परसेंट रही। इससे पहले नवंबर में रूस की भारत के ऑयल इम्पोर्ट में हिस्सेदारी 37.1 परसेंट थी। यूक्रेन युद्ध से पहले रूस से भारत का तेल आयात बहुत कम था। लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर पाबंदी लगा दी। इससे रूस ने तेल पर भारी छूट देनी शुरू कर दी। भारत ने इस मौके को हाथोंहाथ लिया। भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है और अपनी जरूरत का 85 फीसदी से अधिक तेल आयात करता है।
इस बीच देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में पिछले साल मई से कोई बदलाव नहीं आया है। पिछले साल अप्रैल में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आखिरी बार पेट्रोल-डीजल की कीमत में बदलाव किया था जबकि सरकार ने मई में इस पर एक्साइज में कटौती की थी। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर चल रही है। पिछले सत्र में ब्रेंट क्रूड 0.11 डॉलर यानी 0.14 फीसदी गिरावट के साथ 77.04 रुपये पर बंद हुआ था जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत में भी 12 सेंट यानी 0.17 फीसदी गिरावट आई थी। उम्मीद की जा रही है कि चुनावी साल में सरकार पेट्रोल-डीजल पर राहत दे सकती है।