रायपुर। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा ली गयी पत्रकारवार्ता तथा भाजपाध्यक्ष विष्णुदेव साय द्वारा पूछे गये पांच सवालों को भाजपा की खीझ बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने अपने 90 प्रतिशत वायदों को तीन साल में पूरा कर दिया। महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आयी। आज देश में सबसे ज्यादा सुरक्षित महिलायें छत्तीसगढ़ में है। झलियामारी जैसी घटनायें अब छत्तीसगढ़ में नहीं हो रही। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राज में किसान आत्महत्या का दौर समाप्त हो गया है। भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ मॉडल आज देश की विपक्ष की अगुवाई कर रहा तो इसमें भाजपाध्यक्ष विष्णुदेव साय को पीड़ा क्यों हो रही है? आज देश का किसान मजदूर, मध्यम वर्ग, युवा छत्तीसगढ़ मॉडल को आदर्श मान रहा तो इससे भाजपा का विचलित होना स्वाभाविक है।
शुक्ला ने कहा कि जमीन कब्जा करने की संस्कृति भाजपा की है कांग्रेस की नहीं। 15 सालों तक भाजपा सरकार में मंत्री रहे लोग और भाजपा नेता यही तो करते रहे है। बृजमोहन अग्रवाल झलकी में सरकारी जमीन और गरीब किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन कब्जा लिये थे। बृजमोहन के भाई ने समता कालोनी में सड़क की जमीन कब्जा कर लिया था। अजय चंद्राकर पर कुरूद में जमीन कब्जा करने का आरोप लगा था। सारा प्रदेश जानता है कि स्वागत विहार घोटाला किन भाजपा नेताओं के संरक्षण में हुआ था। इसीलिये भाजपा के यह नेता जमीन की कब्जेदारी ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। संत प्रकाश मुनि साहब के आश्रम से लग कर हो रहे निर्माण कार्य को निगम ने हटा दिया है। यह निर्माण कांग्रेस पार्टी नहीं करवा रही थी, व्यक्ति विशेष करवा रहा था जिस पर कार्यवाही की जा चुकी है। उसके बाद भाजपा का बयान राजनैतिक अवसरवादिता है।
भाजपा द्वारा गांधी आश्रम के विरोध पर कहा कि भाजपा नेता नहीं चाहते महात्मा गांधी की स्मृति अक्षुण रखने और गांधी वादी विचारधारा को प्रचारित प्रसारित होने के लिये महात्मा गांधी का सेवाग्राम आश्रम छत्तीसगढ़ में बने। इसीलिये भाजपाई सेवाग्राम आश्रम के शिलान्यास पर सवाल खड़ा कर रहे है। सेवाग्राम आश्रम भाजपा के गोडसेवादी मूल भावना के खिलाफ है जो भाजपाई कालीचरण को बुलवा कर गांधी जी को गालियां बकवाते है। नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन करवाते है। कालीचरण जैसे देशद्रोही के समर्थन में खड़े होते है उन्हें भला यह कैसे स्वीकार होगा कि छत्तीसगढ़ में बापू की स्मृतियों को सहेजने का काम हो इसीलिये भाजपाई विरोध कर रहे है।