बीएसपी की प्लेटें जहाँ देश की रक्षा में तैनात हैं, वहीं अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को भी छुआ

भिलाई मेक इन इण्डिया के सपने को कर रहा है साकार
भिलाईनगर। संयंत्र न केवल विश्व की सबसे लम्बी रेलों का निर्माण करता है बल्कि बीएसपी की प्लेटों ने भी देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज भिलाई की निर्मित प्लेटों ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊँचाई देने में सफल हुआ है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने विभिन्न प्लेटों के गे्रड्स का विकास कर मेक इन इण्डिया के सपने को सच कर दिखाया है।
इण्डियन नेवी, इसरो जैसे प्रीमियम संस्थानों का भरोसेमंद नाम है भिलाई
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की विशिष्ट इस्पात बनाने की क्षमताओं के परिणामस्वरूप रेल्स के एक विश्वसनीय निर्माता होने के अलावा रक्षा के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए बीएसपी के उत्पादों के प्रयोगों के चलते विश्व के इस्पात जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। यह भिलाई बिरादरी के लिए गर्व का विषय है कि भारतीय नौसेना और इसरो तथा विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र जैसे संस्थाओं ने भी भिलाई इस्पात संयंत्र के विशेष इस्पात बनाने की क्षमताओं पर भरोसा जताया है।
नौसेना हेतु आईआरएस ग्रेड प्लेटों की आपूर्ति
यह गर्व का विषय है कि, भिलाई इस्पात संयंत्र को इण्डियन रजिस्ट्रार ऑफ शिपिंग से आईआरएस सर्टिफिकेशन हेतु अधिकृत किया गया। आज भिलाई इस्पात संयंत्र, हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को 8 से 45 मिमी मोटी आईआरएस ग्रेड प्लेटों की आपूर्ति करता आ रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने जुलाई, 2019 से भारतीय नौसेना के उपयोग के लिए मेसर्स हिन्दुस्तान शिपयार्ड को लगभग 1100 टन आईआरएस ग्रेड बी प्लेटों की आपूर्ति कर चुका है। विदित हो कि, इन प्लेटों का उपयोग पनडुब्बियों के रखरखाव हेतु डाइविंग सपोर्ट वेसल्स और अन्य जहाजों की संरचनाओं में किया जाता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र को माह नवम्बर, 2019 में आईआरएस गे्रड बी का 1000 टन का एक नया कार्य आदेश प्राप्त हुआ। इस नये आर्डर की आपूर्ति के लिए संयंत्र बिरादरी ने कमर कस ली है। इन विशेष ग्रेड के प्लेटों के आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु संयंत्र के प्लेट मिल एवं अन्य विभागों ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। भारतीय नौसेना के उपयोग हेतु इन प्लेटों को शीघ्र ही हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को भेजा जाएगा।
भिलाई की प्लेटों का उपयोग युद्धपोत निर्माण में
विदित हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र वर्तमान में भारतीय नौसेना के जहाजों की संरचनाओं में उपयोग हेतु डीएमआर 249 ए ग्रेड के प्लेटों की निरंतर उत्पादन व आपूर्ति करता आ रहा है। उल्लेखनीय है कि डीएमआर 249 ए ग्रेड प्लेटों का उपयोग भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, कमोर्ता और कई अन्य युद्धपोतों के निर्माण के लिए किया जाता है।
उपग्रह प्रक्षेपण हेतु प्लेटों की रोलिंग
संयंत्र एक ओर जहाँ नौसेना के कार्य आदेशों पर कार्य कर रहा है, वहीं विशेष ग्रेड प्लेटों के लिए एक और आदेश बीएसपी द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। मिश्र धातु निगम लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा आपूर्ति किये गये एमडीएन 250 स्लैब्स को 9.3 एमएम मोटी प्लेटों में रोलिंग किया जा रहा है जिसका उपयोग इसरों द्वारा पीएसएलवी और जीएसएलवी उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के बाहरी मोटर के आवरण बनाने में किया जायेगा। लगभग 40 टन माराजिंग स्टील एमडीएन 250 का रोलिंग इसी महीने नवम्बर 2019 के 1 तारीख को किया गया। विदित हो कि, इससे पूर्व भी बीएसपी ने इन महत्वपूर्ण गे्रडों के प्लेटों की आपूर्ति कर इस्पात जगत में अपनी धाक जमाई है। आज भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पाद देश के विकास में निरंतर योगदान दे रहे हैं।

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