रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ.दिनेश मिश्र ने कहा सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का पानी बन्द करने की कुरीति का खत्म होना आवश्यक है। इसके लिए एक सक्षम कानून का बनाया जाना भी आवश्यक है। सरकार को इस हेतु पहल करनी चाहिए। समिति के सदस्य डॉ हरीश बंछोर, ज्ञानचंद विश्कर्मा, शंकर सोनकर ने डॉ. मिश्र के साथ मंदिर हसौद, चन्द्रखुरी, खमरिया, गुखेरा, रीवा, लखोली, नवागांव ग्रामों में पहुंचकर अभियान चलाया और बहिष्कृत नागरिकों से मुलाकात की। डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि आरंग के पास कुछ ग्रामों से सामाजिक बहिष्कार के मामले सामने आया है जिसमे समाज के हुक्मरानों और गांव के दबंगों ने कुछ परिवारों को समाज से बहिष्कृत कर दिया है। समाज और गांव से बहिष्कृत होकर अपनों के बीच रहकर भी बेगाने की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। सामाजिक बहिष्कार के मामलों में गांव में इस तुगलकी फरमान का असर इस कदर हावी होता है कि उसके परिवार वाले से गांव का कोई व्यक्ति ना तो बातचीत करता है और ना ही कोई व्यक्ति उसे गांव में काम देता है। इतना ही नहीं गांव के किराना दुकानदार भी उन्हें और उनके परिवार को समान नहीं देता। बीच में कुछ दुकानदारों और कुछ लोगों ने उनसे बातचीत करने की जरूर कोशिश की। मगर तथाकथित लोगों ने उन्हें भी आर्थिक रूप से दंडित कर दिया। अब उसे रोजी रोटी व जरूरत के सामान के लिए पड़ोसी गांवों पर निर्भर रहना पड़ता है। डॉ मिश्र ने कहा लंबे समय से बहिष्कृत का दंश झेलते झेलते परिवार में सहनशीलता खत्म हो जाती है। डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा बहिष्कार के मामलों पर पुलिस एवं प्रशासन को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए। सरकार को सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनाना चाहिए ताकि प्रदेश के हजारों बहिष्कृत परिवारों को न केवल न्याय मिल सके।