भाजपा ने कहा- राहुल के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए, वह फैला रहे हैं झूठ

नई दिल्ली
महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज हो गई है। सोमवार को भाजपा ने चुनाव आयोग से कहा कि वह राहुल गांधी के द्वारा फैलाए जा रहे झूठ की निंदा करें और उनपर उचित कार्रवाई भी करें। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि चुनाव आयोग को अगले सप्ताह महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव के लिए राहुल गांधी को "प्रचार के दौरान झूठ बोलने" पर फटकार लगानी चाहिए। उनकी निंदा करनी चाहिए और उन्हें भविष्य के लिए भी चेतावनी देनी चाहिए।

राहुल के आरोप बेबुनियाद
उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग को बताया कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में झूठ बोला है। राहुल गांधी बोलते हैं कि भाजपा संविधान को कुचलना चाहती है, यह पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 'एप्पल के आईफोन और बोइंग के हवाई जहाज महाराष्ट्र की कीमत पर अन्य राज्यों में बनाए जा रहे हैं' यह आरोप पूरी तरह से झूठ है। राहुल को नोटिस जारी होने के बाद भी वह लगातार इस तरह के बयान दे रहे हैं।
 
राहुल कर रही विभाजन की राजनीति
उन्होंने कहा कि वास्तव में महाराष्ट्र राज्य अप्रैल से जून 2024-25 तक कुल ₹ 70,795 करोड़ प्राप्त करके पूरे भारत में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में शीर्ष पर है। राहुल गांधी अपने बयानों से महाराष्ट्र के युवाओं को भड़का रहे हैं, जो बेहद खतरनाक है। राहुल गांधी महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के लोगों के बीच विभाजन पैदा करना चाहते हैं। मेघवाल ने कहा कि केवल महाराष्ट्र में चुनाव में चुनावी लाभ हासिल करने के लिए वह लगातार भाजपा के खिलाफ झूठे, असत्यापित और निराधार आरोप लगा रहे हैं।

भाजपा ने याद दिलाया पुराना नोटिस
भाजपा ने आम चुनाव से पहले जारी किए गए चुनाव आयोग के 1 मार्च के परामर्श का हवाला दिया, जिसमें सभी राजनीतिक नेताओं से "चुनाव प्रचार में अत्यंत संयम और शालीनता बरतने तथा चुनाव प्रचार के स्तर को 'मुद्दे' आधारित बहस तक बढ़ाने" का आग्रह किया गया था। भाजपा ने चुनाव आयोग को उसके नोटिस की याद दिलाते हुए कहा कि राजनीतिक दल और उनके नेता "मतदाताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से झूठे बयान या बिना तथ्यात्मक आधार के बयान नहीं देंगे"। भाजपा ने कहा कि इस तरह के परामर्शों का "कांग्रेस और उसके नेतृत्व तथा स्टार प्रचारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उनका चुनावी उल्लंघन निरंतर जारी है।