भिलाईनगर। संयंत्र के स्थापना काल से ही ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल ने बिलेट व ब्लूम्स की रोलिंग करता आ रहा है। संयंत्र का यह पहला मिल है, जहाँ एसएमएस-1 के इंगट को गर्म कर बिलेट व ब्लूम्स की रोलिंग की जाती है। इन्हीं सेमि फिनिश्ड उत्पादों से संयंत्र के प्रारंभिक काल में रेल मिल, मर्चेन्ट मिल व वायर रॉड मिल का प्रचालन किया जाता रहा। जहाँ रेल्स, स्ट्रक्चरल्स, राड्स व वायर रॉड्स, एंगल, चैनल्स, बीम्स का निर्माण किया जाता है। यही वजह है कि, इसे मदर मिल के रूप में जाना जाता रहा है।
12 नवम्बर, 1959 को इस मिल की स्थापना की गई थी। यह मिल 12 नवम्बर, 2019 को अपने उत्पादन यात्रा का 60 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। पुरानी मिल होने के बावजूद भी इसने अन्तर्राष्ट्रीय प्रणालियों को अपनाने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। गुणवत्ता के लिए दिए जाने वाले आईएसओ-9002 के प्रमाणन को प्राप्त करने में सफल हुआ।
बीबीएम बिरादरी निरंतर अपने हौसलों को दिखाते हुए कई दैनिक, मासिक और वार्षिक कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब हुआ है। इसके बिलेट मिल ने जनवरी, 2002 में 1,90,025 टन बिलेट के मासिक उत्पादन का नया रिकॉर्ड बनाया। इसी प्रकार बीबीएम ने वर्ष 2003-04 में 2,30,650 टन निर्यात करने का भी कीर्तिमान स्थापित किया। इसी प्रकार वर्ष 2005-06 में ब्लूमिंग मिल ने 25,85,490 टन तथा बिलेट मिल ने 20,53,455 टन वार्षिक उत्पादन कर एक नया रिकॉर्ड हासिल किया।
उत्पादन की यह धारा 60 वर्षों में अविरल जारी है। आज तक ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल ने कुल 121.50 मिलियन टन संचयी उत्पादन कर चुका है। बीबीएम बिरादरी ने इन 60 वर्षों में अपने जोश, जुनून व तकनीकी कौशल से इस मिल को नये कीर्तिमानों के साथ गतिशील रखा है।