भिलाईनगर। श्री त्रिवेणी जैन तीर्थ केश्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर.6 में श्री 1008 शांतिनाथ भगवान, श्री चौबीसी तीर्थंकर प्रतिमा के मंगल अभिषेक भक्तों ने किया। जहँा परमपूज्य आचार्य श्री विमर्श सागर महाराज जी के अमृत वचनों से शांतिधारा करने का सौभाग्य डॉ.जिनेन्द्र जैन, रविन्द्र सिंघई, मुकेश जैन के साथ प्रशांत जैन को मिला।
परमपूज्य आचार्य श्री विमर्श सागर महाराज के मंगल आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्तों ने श्रीफल अर्पण किए। परम पूज्य आर्यिका माता जी के अमृत वचनों से जैन पाठशाला के बच्चों सहित भक्तों ने देवशास्त्र गुरु का पूजन रविवार एवं सोमवार को भक्ति भाव के साथ किया।
आचार्य श्री विमर्श सागर महाराज ने कहा कि, वर्तमान में अपने अंदर उठते हुए परिणमों को शांत करने की कला सीखनी होगी। मोक्ष मार्ग औपशमिक भाव से ही प्रारंभ होता है। जब भी ऐसी कोई परीस्थिति सामने खड़ी हो जाए जहांँ कषायों की तीव्रता का दूध उबल रहा है तो ज्ञानापयो के छींटे डालकर शांत कर देना चाहिए। गृहस्थ जीवन में भी उपसम भाव की जरूरत है। इससे जीवन में समरसता बनी रहती है।
कार्यक्रम का संचालन जैन सभा सेक्टर 6 के मंत्री प्रशांत जैन नेे किया। इस अवसर पर अध्यक्ष ज्ञानचंद बाकलीवाल, नरेन्द्र जैन, प्रवीण छाबड़ा, अमित जैन आदि के साथ जैन मिलन, जैन ट्रस्ट के सदस्यों ने आचार्य श्री का वंदन कर धर्म लाभ लिया।
परम पूज्य आर्यिका विद्यांत श्री माताजी के मंगल सानिध्य में श्री खंडेलवाल दिगंबर जैन सभा मोहन लाल बाकलीवाल स्मृति भवन में भव्य अभिनंदन गाजे बाजे के साथ प्रगति महिला मंडल की सदस्याओं और उपस्थित बंधुओं ने किया। कार्यक्रम का संचालन समिति के प्रदीप जैन बाकलीवाल ने किया। पूज्य आर्यिका माताजी ने अपने अमृत वचन में कहा कि, आप जो अपने कर्म कर रहे हो उसके परिणाम आगे नजर आएंगे। आज जो आप सभी यहांँ पर सत्कर्म करते हुए धर्म लाभ ले रहे हो यह आपके पुण्योदय से हो रहा है।
विमर्श सागर महाराज का 47वांँ अवतरण दिवस 15 को
विमर्श सागर महाराज का 47वांँ अवतरण दिवस जिसमें 13 नवंबर दोपहर को श्री 1008 शांतिनाथ विधान पूजन, शाम 5 बजे वात्सल्य भोज, संध्या 8 बजे भजन संध्या, 14 नवंबर को कल्याण मंदिर स्रोत विधान, शाम 5 बजे वात्सल्य भोज व रात्रि 8 बजे विभिन्न ग्रुपों के द्वारा विमर्श भक्ति उत्सव, 15 नवंबर को दोपहर 1 बजे से विमर्श सागर महाराज का 47वांँ अवतरण दिवस मनाया जाएगा।