‘जागरण दूत-जागेश्वर’ अभिनंदन ग्रंथ का विधानसभा अध्यक्ष ने किया विमोचन

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण, छत्तीसगढ़ी राजभाषा निर्माण एवं छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता के पुरोधा जागेश्वर प्रसाद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ ‘जागरण दूत-जागेश्वर’ का विमोचन छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के करकमलों द्वारा किया गया। डॉ. महंत के निवास पर आयोजित इस विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. चरणदास महंत व कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘कहि देबे संदेश’ के निर्माता निर्देशक मनु नायक के अलावा पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा, छसपा के अध्यक्ष दाऊ पी. चंद्राकर, प्रखर वक्ता अनिल दूबे व गीतकार रामेश्वर वैष्णव विशेष रूप से उपस्थित थे।
अभिनंदन ग्रंथ ‘जागरण दूत-जागेश्वर’ के विमोचन के उपरांत संपादक रामेश्वर वैष्णव ने कहा कि जागेश्वर का इस साल 75 वां वर्ष पूरा हो गया है। इस अवसर पर हम सभी साहित्यकारों ने सोचा की, उनके जन्मदिन पर एक अभिनंदन ग्रंथ का प्रकाशन किया जाए। जिससे आने वाली पीढ़ियां जागेश्वर के छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन, किसान आंदोलन, छत्तीसगढ़ी राजभाषा निर्माण आंदोलन एवं छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता में योगदान को जान पायेंगे। उनका व्यक्तित्व इतना बड़ा है कि किसी एक पुस्तक में समाहित नहीं किया जा सकता, फिर भी कुछ सहयोगी साथी, समाजसेवी और साहित्यकारों के विचार सहित 60 से अधिक लेखों के संग्रह को एक ग्रंथ का रूप दिया गया है। जो कि आप सभी के हाथ में है और हमें उम्मीद है कि यह ग्रंथ आने वाली पीढ़ियों को छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढि़यों के लिए संघर्ष करने को प्रेरित करेगी। ‘जागरण दूत-जागेश्वर’ छत्तीसगढि़यों के आत्म सम्मान और स्वाभिमान को जाग्रत करने का काम करेगी।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. चरणदास महंत ने जागेश्वर प्रसाद को बधाई देते हुए कहा कि उनका योगदान अतुलनीय है। आज छत्तीसगढ़ी के लिए हम क्या कर सकते है? कैसे इसको आठवीं अनुसूची में शामिल कराया जाए इसके लिए सब मिलकर प्रयास करेंगे। पूर्व में भी जब मैं लोकसभा में था तब छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास किया। यहां से प्रस्ताव भी गया था, किन्तु सपना पूरा नहीं हुआ। चूकि आज सरकार में हैं तो यह हमारी पहली प्राथमिक्ता होगी और आप सभी के सहयोग से निश्चित ही हम छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूचीं में शामिल करायेंगे।
विज्ञप्ति के माध्यम से जयंत साहू ने बताया कि वरिष्ठ साहित्यकार सुधीर शर्मा के मंच संचालन में जागेश्वर प्रसाद के राज्य निर्माण आंदोलन को याद करते हुए पूर्व विधायक धमतरी गुरमुख सिंह होरा, फिल्म निर्माता मनु नायक, किसान नेता अनिल दूबे आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे। विमोचन समारोह में वरिष्ठ गीतकार रामेश्वर शर्मा, साहित्यकार चेतन भारती, डॉ. पंचराम सोनी, चंद्रशेखर चकोर, रसिक बिहारी अवधिया, गोविंद धनगर, राजेश चौहान, जयंत साहू, राम पटवा, शशांक खरे, अशोक कश्यप, काविश हैदरी, संजीव दुबे, अशोक ताम्रकार, हरिराम पाल, लाला राम वर्मा, चंद्रप्रकाश साहू व सुश्री ममता अहार सहित अनेक साहित्यकार, पत्रकार उपस्थित थे।

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