लोकवाणी के माध्यम से हुए मुख्यमंत्री के संबोधन

दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज लोकवाणी में संबोधन मुख्यत: नगरीय विकास के विषय पर रहा। हर नगरीय निकाय में और ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री के संबोधन का उत्सुकता से इंतजार कर रहे नागरिकों ने लोकवाणी का श्रवण किया। इस मौके पर दुर्ग विधायक अरूण वोरा ने भी पंचशील नगर में उनका संबोधन सुना। वोरा ने कहा कि, हमेशा लोकवाणी में मुख्यमंत्री लोगों को ऐसी बातों के लिए प्रेरित करते हैं, जिनसे अपनी धरती के संसाधनों को सहेज कर भविष्य की दिक्कतों से बच सकते हैं। इस बार उन्होंने भूमिगत जल संरक्षण का विषय रखा। इस दिशा में उन्होंने काम शुरू कर दिया है। जिस तरह हम तेजी से भूमिगत जल का उपयोग कर रहे हैं। भविष्य में यह बड़े संकट का कारण बन सकता है। इस दिशा में मुख्यमंत्री वाटर हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में जिस तरह की पहल कर रहे हैं। वह सजग रूप से आने वाली परिस्थितियों का आकलन कर किया जा रहा अच्छा कार्य है। भिलाई में कार्यक्रम का श्रवण करने पहुंँचे नागरिक रितेश साहू ने बताया कि, उन्होंने कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री से वाटर हार्वेस्टिंग के फायदों के बारे में सुना था और उसी के बाद इससे जुड़े कंसलटेंट से बातकर इसे लगवा लिया। लोकवाणी जैसे कार्यक्रम इस मायने में उपयोगी हैं कि, इससे बड़ी संख्या में नागरिकों से सीधा संवाद स्थापित किया जा सकता है। मुझे तो एक सभा में उन्हें सुनने का अवसर मिला था, जब आज हजारों लोगों ने उन्हें रेडियो के माध्यम से सुना होगा तो कई लोग वाटर हारवेस्टिंग के लिए प्रेरित होंगे। भिलाई में संबोधन सुनने आई श्रीमती प्रभा तिवारी ने कहा कि, पहले शहरों में बहुत से कुंआ होते थे। शहरीकरण से सबसे ज्यादा चोट इन्हें लगी। आप देखेंगे कि, जिन घरों में ये बच गए हैं वहांँ वाटर लेवल अब भी मेंटेन है। यह ऐसा विषय था जिसे अब कोई ध्यान नहीं देता था, मुख्यमंत्री ने इस विषय पर हमारा ध्यान दिलाया, ये बहुत अच्छी पहल है। हमें पानी की एक-एक बूंद को सहेजने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उनके साथ संबोधन सुनने आई कुसुम वर्मा ने कहा कि, अरपा पैरी गीत सुनने मिला। यह कितना अच्छा गीत है। यह हमारी जीवनदायिनी नदियों के योगदान के बारे में हमें बतलाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की यह बहुत अच्छी पहल है कि, उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ का राज्यगीत बनाया।

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