लव जिहाद पर प्रस्तावित कानून के अनुसार, विवाह कराने वाले धर्मगुरु, काजी या मौलवी को 5 साल सजा हो सकती है
धर्मांतरण कराने से पहले एक माह पूर्व सूचना देनी होगी
भोपाल। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर कानून लाने जा रही है। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लव जिहाद रोकने के तहत धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस प्रस्तावित कानून के तहत, मध्यप्रदेश में भी धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 10 साल की सज़ा होगी। मदद करने वाली संस्था का पंजीयन रद्द होगा। बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु को भी 5 साल की सज़ा होगी। सूत्रों के मुताबिक दिसबंर के दूसरे हफ्ते में इस कानून को कैबिनेट में पेश कर मंजूरी ली जाएगी और दिसंबर के आखिरी हफ्ते में होने वाले शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को पुलिस और कानून विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 के साथ उत्तराखंड और यूपी के कानूनों पर चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि कानून में सज़ा 5 से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ऐसे विवाह कराने वाले धर्मगुरु, काजी या मौलवी को 5 साल सजा हो सकती है। उनका पंजीयन निरस्त हो जाएगा। धर्मांतरण कराने से पहले एक माह पूर्व सूचना देनी होगी। धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या संरक्षक अभिभावक द्वारा की जा सकती है। यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा।
विवाह कराने वाली संस्थाओं पर भी कार्रवाई
जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा। इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा। इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्रवाई की जाएगी। आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा कि ये काम बगैर दबाव, धमकी, लालच या बहकाए किया गया है। मध्य प्रदेश की सरकार भले ही इस कानून को किसी धर्म विशेष के विरूद्ध मानने से इंकार कर रही हो, लेकिन राज्य के प्रोटेम स्पीकर इस मामले को पाकिस्तान और आईएसआई तक से जोड़ रहे हैं।