मुंबई। कांग्रेस और एनसीपी ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। शुक्रवार, 8 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है। राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने फ़िलहाल फड़णवीस को कामचलाऊ मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने को कहा है। विशेषज्ञों की राय में कामचलाऊ मुख्यमंत्री के लिए कोई समयसीमा तय नहीं है सो जब तक राज्यपाल चाहें उन्हे इस पद पर बने रहने के लिए कह सकते हैं।
इस बीच में एनसीपी के महाराष्ट्र में अध्यक्ष जयंत पाटिल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके तीन कांग्रेस नेताओं सुशील शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण से मुलाक़ात की। महाराष्ट्र में एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी और उसे कुल 105 विधायक मिले। लेकिन गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली पार्टी बीजेपी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनबन हो गई। बीजेपी और शिवसेना के बीच फ़िलहाल संवादहीनता की स्थिति बताई जा रही है।
शिवसेना को अगर एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिलता है तो इस गठबंधन की कुल संख्या 154 होती है। शिवसेना की तरफ से भी कहा गया है कि वो राज्य में सरकार बनाने की कोशिश करेगी।
इस बीच कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी उनके विधयाकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है। पार्टी के एक विधायक विजय वाडेतिवार ने दावा किया है कि एक मध्यस्थ के ज़रिए मुंबई बुलाया गया था। लेकिन उन्होने जाने से मना कर दिया। उन्होने दावा किया कि बीजेपी एमएलए ख़रीदने के लिए 25 से 50 करोड़ रूपए तक देने को तैयार है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाला साहब थोराट ने कहा है कि बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन वो सरकार नहीं बना पाई है। अब कांग्रेस पार्टी को राज्यपाल के फ़ैसले का इंतज़ार है। उन्होने कहा है कि कांग्रेस ने अभी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए रणनीति को अंतिम रूप नहीं दिया है।
इस बीच यह भी चर्चा गर्म है कि कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को जयपुर शिफ्ट कर सकती है।