5 एमएल वैक्सीन की 13.5 लाख सीरिंज मिलीं, टीका को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए आइसोलेशन बोगियां तैयार

रायपुर। कोरोना के खात्मे के लिए टीकाकरण की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। जनवरी के किसी भी हफ्ते में टीके लगने की शुरूआत का संकेत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी दे चुके हैं। इस बीच, वैक्सीन के लिए अब जरूरी साजो-सामान की खेप केंद्र सरकार की ओर से Aआने की शुरुआत भी हो चुकी है।
शुरुआत में इतनी सीरिंज मिलीं कि कई चरण का टीकाकरण संभव होगा
पहली खेप में कोरोना टीका लगाने वाले साढ़े 13 लाख इंजेक्शन (सीरिंज) यहां आ गए हैं। ये सीरिंज 5 एमएल वाले हैं, अर्थात एक बार में इतनी वैक्सीन लगेगी। दरअसल, वैक्सीन में टूट फूट मानवीय चूक के जरिए खराब होने जैसी स्थिति भी आती है। इसलिए माना जा रहा है कि पहले चरण के लिए प्रदेश को निर्धारित 2.24 लाख हजार की जरूरत से थोड़ी ज्यादा वैक्सीन भी मिल सकती है। हालांकि इसका फैसला केंद्र की ओर से ही होना है।
सामान्य वैक्सीन प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य , क्षेत्रीय और जिलास्तरीय वैक्सीन स्टोर में कोरोना ही नहीं, दूसरे किसी भी वैक्सीन को अधिकतम 11 हफ्ते तक स्टोर किया जा सकता है। चूंकि कोरोना वैक्सीन के बारे में अभी बहुत सी स्थितियां स्पष्ट नहीं है, इसलिए ये भी माना जा रहा है कि स्टोरेज के प्रोटोकॉल में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमरसिंह ठाकुर के अनुसार हर हफ्ते लगातार टीकाकरण को लेकर बैठकें की जा रही है। प्रदेश को साढ़े 13 लाख सीरिंज मिली हंै।
पोलियो वैक्सीन से भरा ट्रक रातभर रोकना पड़ा क्योंकि स्टोर ही फुल
प्रदेश में बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन स्टोर करने की कोशिश चल रही है, इस बीच सोमवार को वैक्सीज स्टोरेज में बड़ी खामी उजागर हो गई। सोमवार को तड़के साढ़े 4 बजे हैदराबाद से 45 लाख से ज्यादा पोलियो वैक्सीन लेकर पहुंचा ट्रक इसलिए रात तक बाहर खड़ा रह गया, क्योंकि वैक्सीन स्टोर में इसके लिए जगह ही नहीं बची है। ऐसे में यह तय हुआ है कि मंगलवार को हर जिले से वैक्सीन के लिए गाड़ियां आएंगी और इस ट्रक से उतारकर अपने जिलों में ले जाएंगी। जो टीके बचेंगे, बाद में उनके लिए इस स्टोर में जगह बनाई जाएगी।
प्रदेश में 17 जनवरी से पल्स पोलियो अभियान के तहत 45.47 लाख से ज्यादा पोलियो खुराक दी जानी है। यही वैक्सीन लेकर हैदराबाद के भारत बायोटेक से सप्लाई ट्रक 1.40 करोड़ रुपए के वैक्सीन लेकर सोमवार सुबह 4 बजे स्टेट वैक्सीन स्टोर पहुंचा।
भीतर जगह नहीं थी, इसलिए ट्रक बाहर खड़ा रहा। ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वैक्सीन रखने की जगह नहीं है, यह कहकर उसे ट्रक खड़ा रखने के लिए कहा गया है। अगले कुछ दिन में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी। हेल्थ अमला कोरोना वैक्सीन के लिए कोल्ड चैन बनाने के दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि उसके पास वैक्सीन रखने की जगह नहीं है।
आइसोलेशन बोगियों को बना सकते हैं वैक्सीनेशन सेंटर भी
कोरोना वैक्सीन का अलग-अलग जिलों में भेजने के लिए सरकारी अमले को ट्रांसपोर्टेशन के बड़े इंतजाम करने होंगे, इसलिए रेलवे ने भी इसमें हाथ बंटाने की तैयारी शुरू कर दी है। रायपुर मंडल व जोनल मुख्यालय में जिन 111 बोगियों को कोरोना मरीजों के लिए तैयार किया गया था, उनका वैक्सीन के परिवहन में इस्तेमाल किया जा सकता है। रेल प्रशासन को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है।
प्रदेश में इन आइसोलेशन बोगियों में मरीजों को रखने की जरूरत नहीं पड़ी थी। इस वजह से 8 महीने में कुछ टूट-फूट भी हुई है, जिसकी मरम्मत शुरू की जाने वाली है। एक विचार यह भी है कि इन डिब्बों को ही जरूरत पड़ने पर वैक्सीनेशन सेंटर में तब्दील कर दिया जाए। क्योंकि पहले चरण में प्रदेश में 10 हजार वैक्सीनेशन बूथ बनेंगे, जिनकी संख्या बढ़ते-बढ़ते 30 हजार होगी।
अगर इतने बूथ नहीं मिले तो इन बोगियों में बेहतर सुविधाओं की वजह से टीकाकरण किया जा सकता है। रेलवे अमला भी इसी की तैयारी में जुट गया है। रायपुर और बिलासपुर मंडलों में 111 बोगियों को कोरोना वार्ड में तब्दील किया गया था। दुर्ग में 51 और बिलासपुर में 60 बोगियां आइसोलेशन वार्ड के रूप में खड़ी हैं, जिनमें 888 बेड हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *