हिरण और तेंदुए की खाल-सींग बेचने ढूंढ रहे थे ग्राहक, 3 लोग हुए गिरफ्तार

3 जिंदा कछुए जब्त, खाल, सींग की कीमत 35.90 लाख रुपए, तीनों को पुलिस ने भेजा जेल
धमतरी।
हिरण, तेंदुए व अन्य वन्य प्राणियों का शिकार कर उनके सींग, खाल और खोपड़ी बेचने ग्राहक ढूंढते हुए पुलिस ने 3 तस्करों को पकड़ा कर जेल भेज दिया है। इनके पास से 35 लाख 90 हजार रुपए के सींग, खाल व सिर का कंकाल जब्त किया है। तीनों आरोपी नगरी ब्लॉक के सांकरा व बिरगुड़ी निवासी हैं। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर तीनों को जेल भेजा गया।
13 दिसंबर देर-शाम को सिहावा टीआई विपिन लकड़ा के पास मुखबिर से सूचना मिली कि थाने से 4 किमी दूर टांगापानी गांव के साप्ताहिक बाजार में 3 तस्कर हिरण, तेंदुए जैसे जानवरों की खाल, सींग व सिर का कंकाल बेचने बेचने ग्राहक ढूंढ रहे हैं। पुलिस अफसरों ने मौके पर जाकर 3 को हिरासत में लिया। पूछताछ में तीनों ने नाम ईश्वर साहू, तामेश्वर कश्यप व कुलेश्वर समुंद बताया। पास में रखे प्लास्टिक बोरी की तलाशी ली गई, तो ईश्वर साहू से हिरण के सींग व सिर का कंकाल मिला। तामेश्वर कश्यप से जिंदा 3 कछुआ व कुलेश्वर समुंद से तेंदुए की खाल जब्त किए। उनके पास से एक बाइक भी बरामद हुई। इनकी कीमत 35 लाख 90 हजार रुपए बताई है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि हिरण, तेंदुए का शिकार किया था। आरोपी खाल, खोपड़ी व सींग बेचने ग्राहक ढूंढ रहे थे।
इन तीनों को पकड़ा: सांकरा निवासी ईश्वर (30) पिता दशरूराम साहू, बिरगुड़ी निवासी तामेश्वर (44) पिता भैयासिंह कश्यप, बिरगुड़ी निवासी कुलेश्वर (35) पिता निर्भय सिंह समुंद।
इन इलाकों में शिकारी सक्रिय
नगरी के रतावा, टाइगर रिजर्व क्षेत्र, दुगली, केरेगांव, बिरगुड़ी, साल्हेभाट, अरसीकन्हार, फरसगांव क्षेत्र में अक्सर शिकारी सक्रिय रहते हैं। जंगल में लकड़बग्घा, तेंदुआ के हाथ पैर गायब मिले शव भी मिल चुके हैं। शिकारियों ने शिकार का तरीका बदल दिया है, अब खाद्य पदार्थों में जहर व विस्फोटक मिलाकर शिकार कर रहे हैं।

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