नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज यानी गुरुवार को भारत बंद बुलाया गया है। दस केंद्रीय यूनियनों द्वारा संयुक्त रूप से देशव्यापी भारत बंद का अह्वान किया गया है। भारत बंद के दौरान ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। आज सड़कों पर ऑटो और टैक्सी कम ही देखने को मिल सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों के लिए आज कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया है, ताकि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को विफल किया जा सके।
ममता सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर कोई अधिकारी आज कार्यालय में अनुपस्थित पाया जाता है, तो उसे अकार्य दिवस (ड्यूटी से अनधिकृत अनुपस्थिति) के रूप में माना जाएगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने 2011 में टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद इस तरह का रुख अपनाया है। भारत बंद का मकसद किसान विरोधी सभी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेना है और मरनेगा समेत कई योजनाओं का विस्तार है।
बंगाल में लेफ्ट ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने नॉर्थ 24 परगना जिले में रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया। वहीं कोलकाता में भी प्रदर्शन हो रहा है। सरकार की नए लेबर लॉ और किसान बिलों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहा है।
केरल में बस सेवा प्रभावित
केरल में भारत बंद की वजह से बस सेवा भी प्रभावित हुई हैं। वहीं, कोच्चि में मार्केट बंद हैं।
क्या हैं मांगें ?
सभी गैर-आयकर कर परिवारों को प्रति माह 7,500 रुपये का नकद हस्तांतरण और सभी जरूरतमंद लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलोग्राम मुफ्त राशन। मनरेगा का विस्तार, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, ग्रामीण क्षेत्रों में एक साल में 200 दिनों का काम प्रदान करने के लिए बढ़ी हुई मजदूरी और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी का विस्तार।
किसान विरोधी सभी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेना। मांगों में सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को रोकना भी शामिल है।
हड़ताल में कौन ले रहे हैं हिस्सा?
केंद्रीय यूनियनों में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), हिंद मजदूर सभा (HMS), भारतीय व्यापार संघो का केंद्र (CITU), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC), ट्रेड शामिल हैं। यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC), सेल्फ-एम्प्लोयड वुमन एसोसिएशन (SEWA), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC) भी इसमें शामिल हैं। भारतीय मजदूर संघ (BMS) हड़ताल में भाग नहीं लेगा।