वाशिंगटन। दुनिया के जाने माने उद्योगपति एवं परमार्थ कार्यों से जुड़े अरबपति बिल गेट्स ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने, खासकर व्यापक स्तर पर टीका बनाने में भारत के अनुसंधान एवं निर्माण कार्य अहम भूमिका निभाएंगे। गेट्स ने ‘महाचुनौती वार्षिक बैठक 2020’ को संबोधित करते हुए कोविड-19 के टीके को बनाने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की।
अमेरिकी कारोबारी दिग्गज ने कहा कि भारत बहुत प्रेरणादायी
रहा है क्योंकि उसने पिछले दो दशक में अपने लोगों का स्वास्थ्य सुधारने की दिशा में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा, और अब, कोविड-19 से निपटने, खासकर बड़े स्तर पर टीका बनाने में भारत के अनुसंधान एवं निर्माण कार्य अहम भूमिका निभाएंगे।
गेट्स ने संक्रमण की पहचान करने में भी नवोन्मेष की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि शोधकर्ता सिस्टम को तोड़ रहे हैं और प्रकाशन प्रक्रिया से गुजरने की प्रतीक्षा करने के बजाय, वे दैनिक आधार पर डाटा साझा कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक ने कहा, ‘जब से महामारी शुरू हुई है, तब से वैज्ञानिकों ने 1,37,000 वायरल कोविड-19 जीनोमिक सिक्वेंस को साझा किया है। यहां तक कि दवा कंपनियां उत्पादन के तरीकों पर सहयोग कर रही हैं जो वास्तव में पहले कभी नहीं देखा गया है।’
टीके के विकास में चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि एमआरएनए वैक्सीन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां कई लोगों ने कई तरह के वादे देखे हैं। उन्होंने कहा, शायद, कोविड-19 के लिए पहला स्वीकृत टीका एमआरएनए होगा।
हालांकि उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन को अकेले नहीं गिना जा सकता क्योंकि इसे स्केल करना बहुत मुश्किल है। इसमें एक लॉजिस्टिक समस्या है। इसके लिए एक उचित कोल्ड चेन की आवश्यकता होगी।
गेट्स ने उम्मीद जताई कि एमआरएनए प्लेटफॉर्म आगे के वर्षों में परिपक्व होगा ताकि टीकों को बढ़ाया जा सकेगा। यह लागत को कम करने के साथ-साथ कोल्ड चेन की आवश्यकता को भी पूरा कर सकेंगे। उन्होंने डायग्नोस्टिक्स प्लेटफार्मों में नवाचार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।