जापान के नए प्रधानमंत्री ने हिंद-प्रशांत नीतियों का किया समर्थन
टोक्यो। जापान के नए प्रधानमंत्री योशिदे सुगा पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो की राह पर चलते दिख रहे हैं। जापान से बाहर अपने पहले भाषण में सुगा ने वियतनाम में यूनिवर्सिटी छात्रों से संबोधन दौरान कहा है कि उनकी चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर है और हिंद-प्रशांत नीति को उनका पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि जापान दक्षिण चीन सागर में किसी भी तनाव को भड़काने वाली कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा।
चीन ने पिछले कुछ महीने में वियतनाम पर दक्षिण चीन सागर में लगातार बहुत ज्यादा दबाव डाला है लेकिन सुगा की इस टिप्पणी में इशारों-इशारों में चीन के आक्रामक व्यवहार की कड़ी आलोचना छिपी हुई है। सुगा की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि वह आबे की नीतियों में थोड़ा बदलाव भले करें लेकिन विदेश नीति के प्रमुख बिंदुओं पर दोनों के विचार एक जैसे ही रहेंगे। सुगा ने कहा, जापान समुद्र में कानून के संरक्षण का लगातार समर्थन करता रहा है और करता रहेगा।
सुगा ने आसियान की केंद्रीय भूमिका
का उल्लेख किया जो क्वॉड देशों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति की प्रमुख विशेषता है।
सप्लाइ चेन को कई देशों में बनाए जाने पर जोर दिया गया है। जापानी पीएम के इस बयान को भारत में भी रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूरण माना जा रहा है। बता दें कि भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है ताकि इस तरह के एक सप्लाइ चेन को बनाया जा सके।
सुगा ने कहा, इस तरह के सहयोग में ईस्ट-वेस्ट इकनॉमिक कॉरिडोर और वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, थाइलैंड और म्यांमार के रास्ते शामिल हैं।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच भारत ने सोमवार को औपचारिक रूप से अमेरिका और जापान के साथ त्रिपक्षीय मालाबार नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है।