नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनने वाले टीके के लंबे इंतजार के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार अगले वर्ष जुलाई तक टीके की 40-50 करोड़ खुराक हासिल कर लेगी और 20-25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाएगा। सोशल मीडिया पर आयोजित एक चर्चा के दौरान हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के लिए अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति को दो टीके दिए जाने की आवश्यकता होगी। इसके चलते भारत को 50 करोड़ टीकों की जरूरत होगी। भारत ने भारत बायोटेक
के अलावा अब तक किसी भी अन्य वैक्सीन निर्माता के साथ टीके की आपूर्ति को लेकर कोई समझौता नहीं किया है। उधर, कई पश्चिमी देशों ने वैक्सीन की खोज और इसका निर्माण कर रही कंपनियों के साथ करोड़ों डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
हालांकि ,चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने न तो किसी टीके का नाम लिया और न ही उसके स्रोत या कीमत की जानकारी दी। उनका यह बयान सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को अपनी जनता को टीका देने के लिए 80000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। हर्षवर्धन ने कहा कि टीके के लिए प्राथमिकता वाले आबादी समूह की सूची अक्तूबर के अंत तक राज्यों से प्राप्त करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय एक प्रारूप तैयार कर रहा है।
केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर मानव संसाधन तैयार करने, प्रशिक्षण, निगरानी और अन्य चीजों के लिए काम कर रही है।टीके को लेकर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है। राज्यों को इस बारे में दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे शीतलन शृंखला (कोल्ड चेन) भंडारण सुविधाओं और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे के बारे में ब्यौरा सौंपें, जो प्रखंड स्तर पर जरूरी होंगे।