रायपुर। राजभवन ने नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में ग्राम पंचायत मरवाही को नगर पंचायत में सम्मिलित करने पर आपत्ति उठाई है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विकास विभाग को पत्र जारी कर परीक्षण कराने के निर्देश देते हुए राजभवन सचिवालय को प्रतिवेदन देने को कहा गया है। साथ ही राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए आगामी कार्यवाही स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।
गत दिनों छत्तीसगढ़ के राजपत्र में 18 अगस्त 2020 को नगर पंचायत मरवाही की गठन की अधिसूचना प्रकाशित की गई है। इस संबंध में कुछ नागरिकगणों नेे राजभवन को एक पत्र लिख मरवाही नगर पंचायत के गठन पर आपत्ति जताते हुए निराकरण के अभिलेख उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। चूंकि नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आता है। इसलिए इस विषय पर राज्यपाल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस विषय पर जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि भारत के संविधान की भाग 9 क नगर पालिकाएं अनुच्छेद 243 यग(क) के अनुसार इस भग की कोई बात अनुच्छेद 244 के खण्ड(1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नहीं होता। अतः नगर पालिका अधिनियम 1961 का प्रावधान इस कानून के तहत् अनुच्छेद 244(1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने पूर्व में छत्तीसगढ़ में करीब 27 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन किये जाने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही पत्र लिखकर शासन को कार्यवाही करने को कहा था।