पूरे देश में न्याय लागू करने और शहरों के लिए मनरेगा जैसी योजना की राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से की मांग

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा समय में शहरों में बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों की मदद के मकसद से मनरेगा जैसी योजना और पूरे देश में गरीबों के लिए न्याय लागू करने की जरूरत है। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना (न्याय) का वादा किया था, कहा था कि सत्ता में आने पर वह पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72-72 हजार रुपये देगी।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, शहर में बेरोज़गारी की मार से पीड़ितों के लिए मनरेगा जैसी योजना और देशभर के गरीब वर्ग के लिए न्याय लागू करना आवश्यक हैं। ये अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा। राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया, क्या सूट-बूट-लूट की सरकार ग़रीबों का दर्द समझ पाएगी?
इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर से निशाना साधा और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद देश की लूट है। कांग्रेस नेता ने दावा किया, यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले `मित्रों` के लिए क्या-क्या करती आ रही है।
राहुल गांधी ने कहा, देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने रविवार को भी लोगों से अपील की थी कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 मसौदे के खिलाफ प्रदर्शन करें क्योंकि यह खतरनाक है और अगर अधिसूचित होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम विनाशकारी होंगे। गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे। इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं।

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