मथुरा: गोद लिए गांव पहुंचीं हेमा मालिनी, बोलीं- विकास के लिए पैसे और सहयोग की दिक्कत

मथुरा
मथुरा से भारतीय जनता पार्टी () की सांसद रविवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ अपने गोद लिए गांव रावल में विकास कार्यों का जायजा लेने पहुंचीं। जब सांसद से पूछा गया कि गांव के लोग यहां हुए काम से संतुष्ट नहीं हैं तो वह बोलीं कि उन लोगों को जो चाहिए वह करने के लिए फिर किसी और को बुलाना पड़ेगा। हालांकि, जब सांसद से यह पूछा गया कि वह खुद रावल में हुए विकास कार्यों से कितनी संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से देखा जाए तो यहां बहुत कुछ करना पड़ेगा लेकिन वैसा हो नहीं सकता क्योंकि मैं समझती हूं कि पैसा और सहयोग की समस्या रहती है। उन्होंने कहा कि मंदिर के आस-पास सौंदर्यीकरण का मेरा सपना था लेकिन वह नहीं हो पाता है।

बता दें कि सांसद हेमा मथुरा दौरे के दूसरे दिन रविवार को श्रीराधारानी की जन्मस्थली और खुद के गोद लिए गांव रावल में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचीं। यहां निरीक्षण के बाद वह खुद इन कार्यों से असंतुष्ट नजर आईं। जब मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा कि वह गांव में चल रहे विकास कार्यों से कितनी संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा, ‘मेरे हिसाब से देखा जाए तो यहां तो यहां बहुत कुछ करना पड़ेगा लेकिन वैसा हो नहीं सकता।’ उन्होंने कहा कि पैसे और सहयोग की समस्या रहती है।

‘सड़क और पार्क बनवाने की योजना’
हेमा मालिनी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में जितना हो सका है, वह किया गया और गांव के लोग भी अच्छे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में मंदिर के समीप कुंड बनवाया गया है और अभी सड़क और पार्क बनाने की योजना है। हेमा ने कहा, ‘मंदिर को जाने वाले रास्ते के दोनों ओर सौंदर्यीकरण कराने का मेरा सपना था लेकिन वह हो नहीं पाता है, यहां के लोग करने नहीं देते।’

डॉक्टरों के सवाल पर हेमा ने दिया यह जवाब
सांसद हेमा ने कहा कि जब बार-बार काम में रुकावट आती है तो जो हम सोचकर आते हैं फिर हम भी छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि 18 लाख की लागत से आरओ लगवाया लेकिन फायदा नहीं। यहां के लोग आरओ का उपयोग नहीं करते। सांसद ने कहा कि 50 रुपये महीना तो पानी के लिए देना पड़ता है ना लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक रावल में विकास कार्यों पर वह 4 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी हैं। वहीं, गांव में बने हेल्थ सेंटर में डॉक्टर के बारे में पूछने पर सांसद ने पहले तो अपने आस-पास के लोगों से पूछा और बताया कि डॉक्टर आता है। बाद में लोगों ने कहा कि सप्ताह में केवल 1 दिन डॉक्टर आता है तो सांसद बोलीं, ‘हां पता है अब गांव में डॉक्टर आता तो है ना।’

Source: Uttarpradesh

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