कोरबा। पिछले एक सप्ताह से जिले में हो रही मानसूनी बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी आ गई है, धान और खरीफ की अन्य फसलों के लिए बोआई का उपयुक्त समय है। इसे ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को खरीफ मौसम की फसलों के बीज बोने की तैयारियों के साथ-साथ जरूरी सभी काम तेज करने की सलाह कृषि अधिकारियों ने दी है। आगामी खरीफ मौसम के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी कृषि विभाग की तैयारी लगभग पूरी है। किसानों को विभाग के मैदानी अमले द्वारा आगामी खरीफ मौसम में धान, ज्वार, मक्का, अरहर, उड़द के साथ-साथ सोयाबीन, मूंगफली की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेतों की तैयारी से लेकर खुर्रा बोनी, रोपा और श्री पद्धति से धान की फसल लगाने की जानकारी किसानों को दी जा रही है।
कृषि विभाग के उप संचालक एम.जी.श्यामकुंवर ने आज यहां बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले में 18 हजार क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। भण्डारित बीजों में से 14 हजार 515 क्विंटल समितियों में, 316 क्विंटल विभागीय प्रदर्शनों के तहत तथा लगभग तीन हजार 170 क्विंटल धान बीज निजी क्षेत्रों की दुकानों में भण्डारित किया गया है। जिसमें से अभी तक 13 हजार 430 क्विंटल धान किसानों ने खेतों में बोने के लिए उठाया है। किसानों ने धान का दस हजार छह सौ क्विंटल बीज समितियों से, 226 क्विंटल बीज कृषि विभाग से और लगभग दो हजार 600 क्विंटल धान बीज निजी क्षेत्रों से उठाया है। श्री श्यामकुंवर ने किसानों से तेजी से बीज-खाद का उठाव करने की अपील की है ताकि समय पर बीज की खेतों में बोनी की जा सके। जिले की समितियों में अभी भी धान का लगभग तीन हजार 900 क्विंटल बीज भण्डारित है। निजी तथा अन्य क्षेत्रों को मिलाकर जिले में अभी भी साढ़े चार हजार क्विंटल से अधिक धान का बीज उपलब्ध है। इसी प्रकार जिले में अरहर का 30 क्विंटल और उड़द का एक क्विंटल बीज भण्डारित किया गया है। जिसमें से लगभग 30 क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है। हरी खाद के लिए उपयोग किये जाने वाले सन और ढेचा के भी 240 क्विंटल बीजों का भण्डारण किया गया था जिनका २ात प्रतिशत वितरण किसानों को कर दिया गया है।
उप संचालक श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में सहकारी प्राथमिक समितियों तथा निजी कृषि केंद्रों में वर्तमान में आठ हजार दो सौ 67 टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया जा चुका है। प्राथमिक सहकारी समितियों में छह हजार 543 टन और निजी दुकानों में एक हजार 724 टन रासायनिक उर्वरक खरीफ की खेती के लिए उपलब्ध है। किसानों ने अभी तक इसमें से केवल पांच हजार 794 टन उर्वरक ही अभी तक लिये हैं। उप संचालक कृषि ने बोनी के समय बेसल डोज के लिए रासायनिक उर्वरकों का भी उठाव तेज करने की सलाह किसानों को दी है। कोरबा जिले में अभी तक तीन हजार 960 टन यूरिया, एक हजार 607 टन सुपर फास्फेट, 353 टन पोटाश, एक हजार 771 टन डीएपी और 575 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया है। जिसमें से अभी तक दो हजार 880 टन यूरिया, एक हजार 095 टन सुपर फास्फेट, 180 टन पोटाश, एक हजार 268 टन डीएपी और 371 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का उठाव हुआ है। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि किसानों के लिए यूरिया 50 किलो एवं 45 किलो की पैकिंग में उपलब्ध है। जैसे-जैसे किसानों द्वारा उवर्रकों का उठाव किया जाएगा वैसे-वैसे और उवर्रकों का भंडारण कराया जाएगा।
कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों से खरीफ मौसम-2020 मंे फसल मंे लगने वाली खाद का उठाव तेजी से करने की सलाह दी जा रही हैं। खाद की कमी, इच्छित खाद की पूर्ति ना होने जैसी समस्याओं से बचने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त कर फसल की बोनी समय बेसल डोज के रूप में उपयोग करने के लिए किसानों को खाद उठाव की सलाह दी जा रही है। जो किसान सोसायटियों से लोन लेकर खेती के लिए बीज-खाद उठाते है उन्हें भी पर्याप्त मात्रा में खाद उठाने की सलाह कृषि विभाग ने दी है।
कृषि विभाग के उपसंचालक श्यामकुवंर ने बताया कि चालू खरीफ मौसम के लिए अभी गोदामों में पर्याप्त रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है । खाद का उठाव होने पर गोदाम खाली होने से समय पर रासायनिक खाद की मांग अनुसार भंडारण कराया जा सकेगा ताकि किसानों को फसल की विभिन्न अवस्थाओं में जरुरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा के यूरिया, पोटास, सुपर फास्फेट खाद मिल सके। किसानों के उठाव करने पर गोदाम खाली होने से दूसरे चरण की खाद का भंडारण किया जाएगा।