जगदलपुर। दरभा झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुई घटना को आज पूरे सात साल हो चुके है। इस मामले को लेकर दावे और प्रतिदावे सामने आते रहे हैं, लेकिन अब तक इस घटना का सच सामने नहीं आ पाया है। घटना के चश्मदीद गवाह रहे कांग्रेस के मलकीत सिह गैदू ने कहा कि इस मामले का सच सामने तब आएगा जब इस कांड को लेकर डा. रमन सिंह और मुकेश गुप्ता के नार्को टेस्ट कराया जाए।
गैदू ने तत्कालीन भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे डा. रमन सिंह और निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता का नार्को टेस्ट कराए जानें की मांग की है। श्री गैदू ने बताया कि उस समय नक्सलियोंं ने बाकी नेताओं के साथ उन्हे भी अपने कब्जे में ले रखा था। नक्सली एक-एक का नाम पूछकर उन्हें गोली से मारते जा रहे थे। उस दौरान एक महिला नक्सली किसी कांग्रेस नेता का पहचान भी बता रही थी। ऐसा पहली बार हुआ जब नक्सली किसी का नाम उसकी पहचान जानने के बाद उसकी हत्या कर रहे थे। श्री गैदू ने कहा कि नक्सली करीब ढाई घंटे तक पूरे झीरम को अपने कब्जे में लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के शीर्ष नेताओं को मौत के घाट उतार दिया था। आज सात साल बाद भी इस घटना का अब तक सच सामने नहीं आ सका है। सत्ता में कांग्रेस के आने के बाद सरकार ने झीरम कांड की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी का गठन किया, झीरम कांड की एनआईए जांच के कारण इसे बंद कर दिया गया।