MP में क्यों BJP के खिलाफ उतरे RSS के पूर्व प्रचारक, चुनाव पर कितना होगा असर

 भोपाल

मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता विरोधी माहौल के साथ संगठन में भी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ पूर्व प्रचारकों ने शासन में सुधार व संस्कृति जैसे मुद्दों पर भाजपा की मौजूदा सरकार से निराशा जाहिर करते हुए अलग दल बनाने की घोषणा कर दी है। अब भाजपा के नेता प्रयास कर रहे हैं कि यह पार्टी जमीन पर न उतरे और संघ व भाजपा के कार्यकर्ताओं में मनभेद न हो। दरअसल, पार्टी को लगता है कि राजनीतिक रूप से भले ही इससे नुकसान न हो लेकिन माहौल पर तो असर पड़ ही सकता है। मध्य प्रदेश में भाजपा को लगातार सत्ता में दो दशक (बीच के सवा साल को छोड़कर) होने जा रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनावों में उसे सत्ता विरोधी माहौल का सामना तो करना ही पड़ रहा है, साथ ही पार्टी के भीतर भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ी है। ऐसे में संघ के एक समूह ने अलग पार्टी बनाने की घोषणा कर उसकी दिक्कतें और बढ़ा ही है। संघ के पूर्व प्रचारक अभय जैन व मनीष काले के साथ जुटे कुछ स्वयंसेवकों ने जनहित पार्टी बनाने की घोषणा की है। इनका मानना है कि सरकार से नाखुश हिंदू मानसिकता वाले लोग उनका साथ देंगे।

भाजपा ने इस पहल को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। इसके पहले वर्ष 2016 में गोवा में भी संघ के एक नेता सुभाष वेलिंगकर ने अलग पार्टी बनाकर भाजपा को चुनौती दी थी, लेकिन वह कोई असर नहीं डाल सके थे। मध्य प्रदेश में संघ के जिन नेताओं का नाम सामने आया है, वह संघ तक ही सीमित हैं। भाजपा व जनता में ज्यादा पहचान नहीं है। भाजपा को डर केवल इस बात का है कि पार्टी का नाराज वर्ग इसे हवा दे सकता है और अगर यह पार्टी चुनाव लड़ती है तो माहौल तो बिगड़ ही सकता है।

भाजपा के लिए बन सकती है लाभ की स्थिति
दूसरी तरफ, यह भी चर्चा है कि इससे भाजपा को ही लाभ मिलेगा। पार्टी का नाराज वर्ग अगर इन नेताओं के साथ जाता है और कुछ मतदाताओं को भी प्रभावित करता है तो इससे नुकसान कम लाभ ज्यादा है। इससे पार्टी व सरकार से नाराज उसका समर्थक वर्ग उसके विरोध में विपक्षी कांग्रेस के पास न जाकर इस नई पार्टी का साथ देगा। सत्ता विरोधी इस माहौल से कांग्रेस को मिलने वाला लाभ नहीं मिल सकेगा। कांग्रेस में भी एक वर्ग इसे भाजपा की मिलीभगत मान रहा है। उसका कहना है कि जब मतदाता भाजपा पर ही भरोसा नहीं कर रहा है तो संघ पर तो कतई नहीं करेगा।