रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह गए टोकनधारी कृषकों के धान की खरीदी 20 मई से की जाएगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के परिपालन से 4 हजार 549 टोकनधारी कृषकों से 2 लाख 803 क्विंटल धान का उपार्जन किया जाएगा, जिसका मूूल्य 36 करोड़ 64 लाख 66 हजार 442 रूपए होगा। राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में लिए इस महत्वपूर्ण निर्णय से वंचित टोकनधारी कृषकों के धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर 20, 21 एवं 22 मई को होगी।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ एवं कलेक्टरों को इस संबंध में जारी दिशा-निर्देश में उपार्जन केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए लंबित टोकनों के एवज में धान की खरीदी करने को कहा गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 फरवरी 2020 निर्धारित की गई थी। निर्धारित समयावधि में कतिपय कारणों से 4 हजार 549 जारी टोकन के बावजूद भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं हो सकी थी। इस संबंध में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर तथा खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत एवं अन्य मंत्रिगणों के आग्रह पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लंबित टोकनों का परीक्षण कराकर समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की बात कही थी, जिसके परिपालन में खाद्य विभाग द्वारा 20 से 22 मई 2020 तक धान खरीदी करने के संबंध में निर्देश जारी कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने से राज्य के बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोण्डागांव, सुकमा, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, बेमेतरा, कवर्धा, रायपुर, बलरामपुर, कोरिया एवं सरगुजा जिले के 4549 टोकनधारी कतिपय कारणों से वंचित रह गए थे। उक्त जिलों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कुल 26 हजार 248 टोकन जारी किए गए थे। जिसके एवज में 10 लाख 52 हजार 230 क्विंटल 33 किलो धान की खरीदी की जानी थी। निर्धारित तिथि तक उक्त जिलों में 21,699 टोकन के जरिए 8 लाख 51 हजार 426 क्विंटल 88 किलो धान की खरीदी होे पाई थी। कतिपय कारणों से 4549 टोकन लंबित रह गए थे। इन लंबित टोकनों के जरिए 20, 21 एवं 22 मई को समर्थन मूल्य पर खरीदी से शेष रह गई धान की मात्रा 2 लाख 803 क्विंटल 53 किलो धान का उपार्जन किया जाएगा।