21 राज्यों में अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप योजना में ‘घोटाले’ में CBI कर रही जांच, जाने क्या है मामला

नईदिल्ली

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्कॉलरशिप योजना में हुए फर्जीवाड़े का सीबीआई ने पर्दाफाश करने के लिए केस दर्ज कर लिया है। अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप योजना के तहत करीब 830 फर्जी इंस्टीट्यूट को 144 करोड़ रुपये दिए गए थे। यह स्कॉलरशिप योजना साल 2017 से 2022 तक एक्टिव थी और इसी दौरान इस योजना में घोटाले का मामला सामने आया है। सीबीआई ने बैंक, इंस्टिट्यूट और अन्य पक्षों के अज्ञात लोगों की खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और जालसाजी समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

क्या है अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप योजना घोटाला मामला?

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय में फर्जीवाड़े की खबर सामने आई थी। जब मंत्रालय को इसकी जानकारी मिली तो उसने एक आंतरिक जांच भी कराई। आंतरिक जांच में यह पता चला कि स्कॉलरशिप योजना में घोटाला हुआ है। इसके बाद 10 जुलाई को सीबीआई के समक्ष शिकायत की गई। इसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्कॉलरशिप योजना में घोटाला पर अल्पसंख्यक मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत फंड में गड़बड़ी की कई रिपोर्ट्स मिली थी। इसके बाद मंत्रालय ने नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइज इकॉनोमिक रिसर्च के साथ मिलकर पूरी स्कीम की थर्ड पार्टी से जांच करवाई। एनएसपी के तहत कुल 1572 इंस्टिट्यूट को स्कॉलरशिप देने के लिए चुना गया था। मंत्रालय ने जांच में पाया कि करीब 830 इंस्टीट्यूट फर्जी थे।

21 राज्यों तक पहुंची जांच

मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार यह 830 फर्जी इंस्टिट्यूट 21 राज्यों में फैले हुए हैं। सबसे अधिक फर्जी इंस्टीट्यूट असम (225) है, कर्नाटक में 162, उत्तर प्रदेश में 154 और राजस्थान में 99 फर्जी इंस्टीट्यूट हैं। जांच में पाया गया है कि सबसे अधिक गड़बड़ी स्कूल और इंस्टीट्यूट के स्तर पर की गई है। बंगाल से सबसे अधिक फर्जी एप्लीकेशन आये हैं। मंत्रालय के आंकलन के मुताबिक 2017 से 2021 तक घोटाले की वजह से करीब 144.33 करोड़ का नुकसान हुआ है।

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा जो स्कॉलरशिप योजना चालू की गई थी, उसके तहत मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी बच्चों को लाभ दिया गया था। देशभर के करीब 1.80 लाख इंस्टीट्यूट तक इस स्कॉलरशिप का लाभ पहुंचाया जा रहा था। मंत्रालय ने दावा किया कि इस योजना से 65 लाख छात्रों को लाभ मिला है।