इंदौर। नए-नए भाजपाई बने महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोरोना वायरस महामारी के बीच भी चुनाव की चिंता सता रही है। एक ओर जब प्रदेश सरकार और पूरा प्रशासनिक अमला वायरस के संक्रमण को रोकने के काम में लगा है, सिंधिया कार्यकर्ताओं को फोन कर चुनाव में मदद मांग रहे हैं। हालांकि, महाराज के फोन कॉल ने राज्य की सियासत गरमा दी है और कांग्रेस पार्टी को हमलावर होने का मौका दे दिया है।
कार्यकर्ताओं से ऐसे कर रहे संपर्क
प्रदेश में विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर छह महीने के अंदर चुनाव होने हैं। कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में पहुंचे सिंधिया ने खुद अपने समर्थक विधायकों की जीत का बीड़ा उठाया है। वे कार्यकर्ताओं और नेताओं को फोन कर चुनाव के लिए तैयारी करने की ताकीद कर रहे हैं। सिंधिया ने सांवेर के कार्यकर्ता सुधीर को फोन लगा कर कहा, मैं सिंधिया बोल रहा हूं। उपचुनावों के लिए अच्छे से तैयारी करना। घर में भी सबसे बता देना कि मैंने फोन किया था।
सांवेर से विधायक हैं तुलसी सिलावट
दरअसल, इंदौर जिले की सांवेर सीट से तुलसी सिलावट चुनाव जीते थे और फिलहाल शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में मंत्री हैं। इससे पहले वे कमलनाथ के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री थे। सिंधिया समर्थक सिलावट ने कांग्रेस छोड़ने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दिया था। मंत्री बने रहने के लिए उनका चुनाव जीतना जरूरी है। इसलिए, कोरोना की महामारी के बीच खुद सिंधिया ने उनकी जीत का बीड़ा उठा लिया है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
सिंधिया के फोन कॉल के बाद कांग्रेस उनके खिलाफ हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया प्रभारी नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा है कि यह समय महामारीसे निपटने का है, लेकिन सिंधिया लोगों को फोन कर चुनाव जिताने की अपील कर रहे हैं। ऐसे माहौल में राजनीति करना ठीक नहीं है। इससे पता चलता है कि सिंधिया कैसे जनसेवक हैं।
इधर, जीतू पटवारी ने संभाली कमान
तुलसी सिलावट के लिए सांवेर की सीट बचाना उनकी राजनीतिक साख के लिए जरूरी है। कोरोना संकय काल में क्षेत्र के लोगों को मदद पहुंचाकर वे अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगे हैं। हालांकि, कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है। पार्टी की मीडिया सेल के प्रभारी और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी मैदान में उतर चुके हैं। जिला कांग्रेस कमिटी के जरिये वे भी सांवेर के रहवासियों को मदद पहुंचा रहे हैं।