नई दिल्ली। कोविड-19 की महामारी और लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद सरकार अब अगले हफ्ते ही दूसरे राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करने वाले हैं, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। संभावना है इसी के आधार पर एमएसएमई और अन्य क्षेत्र के लिए एक और वित्तीय राहत पैकेज का ऐलान किया जा सकता है।
गौरतलब है कि दूसरे राहत पैकेज को लेकर 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्रस्तावित बैठक को टाल दी गई थी। सूत्रों ने शनिवार को कहा कि अब ये बैठक अगले हफ्ते ही संभव है।वहीं, निर्मला सीतारमण ने 17 अप्रैल को कहा था कि भारत सरकार जल्द कोरोना महामारी से निपटने और गरीबों और उद्योगों को राहत पहुंचाने के लिए कुछ उपायों के साथ वित्तीय पैकेज की घोषणा करेगी। बता दें कि आर्थिक पैकेज में विलंब को लेकर पहले से ही उद्योग जगत असमंजस में है। वहीं, फिक्की का अनुमान है कि रोज 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
राहत पैकेज में ये ऐलान संभव :-
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री प्रस्तावित इस बैठक में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए राहत के साथ किसानों की आमदनी और कृषि संकट पर चर्चा हो सकती है।
इसके साथ ही राहत पैकेज से एमएसएमई, एक्सपोर्ट्स, एविएशन, कंस्ट्रक्शन सहित उन क्षेत्रों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिनमें बड़ी संख्या में काम करने वाले मजदूरों की आवश्यकता होती है। वहीं, उम्मीद की जा रही है कि सरकार एमएसएमई को 20 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज दे सकती है।
इस पैकेज का उद्देश्य ऐसे ही उद्यमों को राहत देने का है, ताकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद एमएसएमई और छोटे कारोबारी अपने कारोबार को फिर से नए सिरे से शुरू कर सकें।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस वैश्विक महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के पहले चरण में 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना स्कीम के तहत लोगों को आनाज व नकदी देने की की घोषणा की गई थी। ताकि, देश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रह जाए। इसके अलावा सभी कोरोना मेडिकल वॉरियर के लिए 50 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर शामिल था। वित्त मंत्री ने इस महामारी से निपटने के लिए तमाम नियमों और कानूनों में नरमी का भी ऐलान किया था।