राज्य में लगातार बढ़ रही कोरोना पीड़ितों की संख्या
पटना। बिहार में कोरोना ने अब अपना विकराल रूप धारण करना शुरू कर दिया है। इस हफ्ते यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में बिहार ने दिल्ली की तर्ज पर कोरोना मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से शुरू करने का फैसला लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 225 हो गई है जिसमें दो लोगों की मौत भी हुई है। साथ ही राज्य में 45 कोरोना मरीजों ने यहां इस जानलेवा बीमारी को मात देकर एक नई जिंदगी हासिल की है। फिलहाल बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने अब 225 का आंकड़ा पार कर लिया है।
प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के नतीजे अच्छे
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए बिहार में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत करने की तैयारी हो रही है। दिल्ली के मुखयमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को इसका इशारा किया था कि दिल्ली के चार मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया, जिसके नतीजे अच्छे आए हैं। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार से बाकी सीरियस मरीजों को प्लाज्मा थेरपी देने के लिए इजाजत मांगी जाएगी।
पटना के एम्स में होगी प्लाज्मा थेरेपी
बिहार सरकार की ओर से भी आईसीएमआर यानी इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की ओर से पटना एम्स में कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगी गई है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर विचार किया जा रहा है। आईसीएमआर से इसकी इजाजत मांगी गई है।
क्या है प्लाज्मा थेरेपी
राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मरीज़ों पर प्लाज्मा का ट्रायल शुरू किया गया है। दिल्ली में शनिवार को चार मरीजों का प्लाज्मा टेस्ट हुआ। प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्तियों के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को चढ़ाया जाता है। दरअसल, संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है और तीन हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है, ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे। प्लाज्मा संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के खून से अलग कर निकाला जाता है। एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400 एमएल प्लाज्मा निकाला जा सकता है। इस 400एमएल प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जा सकता है।