इस्लामाबाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने वित्त मंत्री इस्हाक डार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा है कि आगामी आम चुनाव को पारदर्शी बनाने के मकसद से अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए अगले महीने किसी ‘तटस्थ व्यक्ति’ का चयन किया जाएगा।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने संकेत दिया कि 2019 से लंदन में रह रहे उनके बड़े भाई नवाज शरीफ अगले कुछ सप्ताह में पाकिस्तान लौटेंगे। नवाज शरीफ तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके है।
शहबाज शरीफ ने कहा कि यदि पीएमएल-एन चुनाव जीतती है, तो 73 वर्षीय नवाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने ‘जियो न्यूज’ से कहा कि नेशनल असेंबली (एनए) के भंग होने की अधिसूचना संसद के निचले सदन का कार्यकाल पूरा होने से कुछ दिन पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा कि एनए 12 अगस्त की आधी रात 12 बजे अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि सहयोगी दलों, पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज के साथ विचार-विमर्श के बाद कार्यवाहक व्यवस्था पर सहमति बनेगी।
प्रधानमंत्री शहबाज ने ऐसे समय में यह टिप्पणी की है, जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि वित्त मंत्री डार को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है, ताकि नकदी के संकट से जूझ रहे देश को उसकी वित्तीय समस्याओं से बाहर निकालने के लिए नीतियों को लागू किया जा सके। पाकिस्तान को हाल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तीन अरब अमेरिकी डॉलर की राशि मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”इस पद पर किसी तटस्थ व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए, ताकि कोई चुनाव के परिणाम पर सवाल नहीं उठा सके।” शहबाज ने साथ ही कहा कि नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटने के बाद कानून का सामना करेंगे।
नवाज शरीफ को देश के उच्चतम न्यायालय ने 2017 में अयोग्य घोषित कर दिया था। वह 2018 में ‘पनामा पेपर’ मामले में न्यायालय के फैसले के बाद सार्वजनिक पद संभालने के लिए आजीवन अयोग्य हो गए। वह नवंबर 2019 से ब्रिटेन में रह रहे है। शहबाज ने आगामी चुनाव के बारे में कहा कि यदि पार्टी सत्ता में आती है तो नवाज शरीफ अगले प्रधानमंत्री होंगे।
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हुए दंगों को पाकिस्तान के खिलाफ साजिश करार दिया। शहबाज ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान को ‘ब्लैक डे’ दंगों का षड्यंत्रकारी बताते हुए कहा कि इस हिंसा का उद्देश्य सैन्य नेतृत्व को गिराना और देश में गृह युद्ध शुरू करना था।
पाकिस्तान में आत्मघाती बम विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ : पुलिस
पेशावर
पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के राजनीतिक सम्मेलन में हुए आत्मघाती विस्फोट के पीछे प्रतिबंधित आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) का हाथ है।
इस विस्फोट में कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह विस्फोट हुआ था, जब कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के 400 से अधिक सदस्य खार शहर में एक सभा के लिए एकत्रित हुए थे। इस शहर की सीमा अफगानिस्तान से लगती है।
‘जियो न्यूज’ ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से कहा, ”हम बाजौर विस्फोट की अब भी जांच कर रहे हैं और उसके बारे में सूचना जुटा रहे हैं। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि इसके पीछे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का हाथ है।”
पुलिस के मुताबिक, वह आत्मघाती हमलावर के बारे में जानकारी जुटा रही है, जबकि बम निरोधक दस्ता घटनास्थल से सबूत एकत्रित कर रहा है। जिला पुलिस अधिकारी नजीर खान ने बताया कि तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
प्रांतीय पुलिस प्रमुख अख्तर हयात खान के अनुसार, विस्फोट को अंजाम देने के लिए 10 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि हमलावर राजनीतिक सम्मेलन में शामिल लोगों में से एक था और वह पहली पंक्ति में बैठा हुआ था।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, हमलावर ने सम्मेलन के मंच के पास खुद को विस्फोटक से उड़ा लिया। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट जेयूआई-एफ नेता मौलाना अब्दुल रशीद के मंच पर पहुंचने के तुरंत बाद हुआ।