उत्‍तर रेलवे भी रात-दिन एक करके लड़ रहा है कोरोना से जंग

1673 लीटर हैंड सेनिटाइज़र, 9036 फेस मास्क, 241 कवरॉल का निर्माण और 174 रेल डिब्‍बों को आइसोलेशन वार्डों में बदला गया
नई दिल्ली।
उत्तर रेलवे के सभी मंडल और कारखाने कोरोना से लड़ी जाने वाली ज़ंग के लिए रात-दिन प्रयास कर रहे हैं । देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्‍तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मालगाड़ियों को चलाने के अलावा, उत्तर रेलवे सेनिटाइज़रों, फेस मास्कों और कवरॉल का निर्माण करने के साथ-साथ रेल डिब्‍बों को आइसोलेशन वार्डों में बदलने का कार्य तेजी से कर रही है।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि शुक्रवार तक 1673 लीटर हैंड सेनिटाइज़र, 9036 फेस मास्क, 241 कवरॉल का निर्माण करने के साथ-साथ 174 रेल डिब्‍बों को आइसोलेशन वार्डों में बदला गया है । कोविड ​​-19 के खिलाफ लड़ने के लिए कोच आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित हो गए। उत्तर रेलवे ने रेल डिब्‍बों को आइसोलेशन कोचों में बदलने के लिए 83 कोच प्रति दिन का अधिकतम लक्ष्य हासिल किया है। अभी तक कुल 174 कोचों को आसोलेशन कोचों में बदला जा चुका है। राष्ट्र की जीवन रेखा होने के कारण, रेलवे लोगों के जीवन को बचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

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