बीएसपी में आपातकालीन परिस्थितियों में आपदा प्रबंधन की जाँंच हेतु मॉक ड्रिल
भिलाई। संयंत्र के भीतर प्रोपेन गैस लीक होने की जानकारी मिलते ही हडक़म्प मच गया। लगभग 11.30 बजे अचानक प्रोपेन प्लांट 2 के प्रोपेन गैस लाईन के वेपोराईजर फ्लेंज में लीकेज होने पर साइरन बजाकर आसपास के सभी व्यक्तियों को सचेत किया गया। इसके साथ ही कारखाना में उपलब्ध चारों वाटर मानिटर एवं स्प्रिकलर सिस्टम के द्वारा पानी की बौछार चालू की गई। प्रोपेन गैस के चपेट मे आने से 7 कर्मचारियों के प्रभावित होने की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, गैस सेफ्टी, सेफ्टी इंजीनियरिंग, सिविल डिफेंस, सीआईएसएफ का स्टॉफ घटनास्थल पर पहुँच कर राहत कार्य प्रारम्भ कर दिया। फायर ब्रिगेड द्वारा दो फायर टेन्डर की सहायता से पानी की बौछार की गई इन प्रयासों से प्रोपेन गैस के रिसाव को सीमित किया जा सका। इसी दौरान प्रोपेन गैस लीकेज बंद न होने की स्थति में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया। जिसके पश्चात एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंँची और प्रोपेन गैस लीकेज की जानकारी लेने पश्चात् राहत कार्य प्रारंभ किया गया। प्रत्येक प्रभावित कर्मचारियों को स्ट्रेचर में लिटाकर एनडीआरएफ के प्राथमिक चिकित्सा टेंट में लाया गया तथा प्राथमिक चिकित्सा के पश्चात् एंबुलेंस से मेन मेडिकल पोस्ट भेजा गया और उपचार के पश्चात प्रभावित कर्मचारियों के सामान्य होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। गैस सेफ्टी के स्टॉफ कर्मचारियों द्वारा गैस मास्क पहनकर प्रोपेन गैस लाईन के वेपोराईजर फ्लेंज से हो रहे लीकेज को बंद किया गया। परिस्थति नियंत्रण में आने पर इंसीडेंट कंट्रोलर एवं कारखाना प्रबंधक द्वारा साइरन बजाकर स्थति सामान्य होने की सूचना दी गई। इसके बाद ही लोगों को यह पता चल सका कि, आपातकालीन परिस्थितियों में आपदा प्रबंधन की जाँच हेतु राष्ट्रीय आपदा राहत दल एनडीआरएफ, सीआईएसएफ और भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संयुक्त रूप से 22 अक्टूबर को प्रोपेनप्लांट-2 में प्रोपेन गैस का रिसाव होने पर मॉक ड्रिल किया गया। घटना की सूचना मिलते ही भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक पी. के.दाश, बी.पी.नायक, निदेशक प्रभारी डॉ.एस.के.इस्सर, कार्यपालक निदेशक के.के.सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही डीआईजी सीआईएसएफ, यू.के.सरकार जिला प्रशासन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग, रोहित कुमार, वरिष्ठ उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, छग शासन दुर्ग, के.के.द्विवेदी, एनडीआरएफ के डी.के.पाण्डे, ए.के.पटनायक एवं सीआईएसएफ के देवब्रत कर सहित सुरक्षा एवं अन्य संबंधित विभागों से जुड़े तमाम विभाग के अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारी घटनास्थल पर पहुँचे।
नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की द्वारा वृृहद स्तर पर किये गये मॉक ड्रिल अभ्यास के पश्चात् स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर व आपातकालीन तैयारियों से संबंधित एक्सरसाइज के पश्चात् मूल्यांकन का आयोजन मानव संसाधन विकास केंद्र में किया गया। एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, पुलिस प्रशासन, सुरक्षा अभियांत्रिकी विभाग, अग्निशमन सेवाएँं विभाग, गैस सेफ्टी, चिकित्सा सेवाएंँ एवं अन्य सहयोगी विभागों के अधिकारियों ने संभावित आपदा की विभिन्न परिस्थितियों से उबरने की बेहतर तैयारियों, आपदा के समय सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय आदि को परखा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सुरेन्द्र सिंह, मुख्य महाप्रबंधक सुरक्षा व अग्निशमन सेवाएँं द्वारा किया गया।