नौ परिवारों के भरण-पोषण की लें जिम्मेदारी, करूणा से हारेगा कोरोना : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘करूणा’ की शक्ति के जरिए कोरोना को पराजित करने का आहवान करते हुए देशवासियों से कहा कि वे ज़रूरतमंद परिवारों के भरण पोषण की जिम्मेदारी लें। 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंदी (लॉकडाउन) के दौरान गरीबों को होने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि नवरात्री के नौ दिन के शक्ति पूजा काल में हम सभी का कर्तव्य है कि हम कम से कम नौ लोगों की चिंता करें। यही नवरात्री की सच्ची पूजा होगी।
पीए मोदी ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए संवाद करते हुए कहा कि महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था । कोरोना के खिलाफ भारत लड़ाई 21 दिन में जीत लेगा। मोदी ने कोरोना बीमारी के इलाज और उपचार में लगे चिकित्सा कर्मियों और कुछ अन्य सेवाओं के कर्मचारियों के साथ भेदभाव किए जाने पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वह ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि वे अन्य लोगों का ध्यान रखने के साथ पशुओं की दाना-पानी का भी ख्याल रखे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की परेशानियां दूर करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें हर संभव प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को चिकित्साकर्मियों के साथ बैठक की थी जिसमें उन्हें भेदभाव किए जाने संबंधी कुछ घटनाओं की जानकारी मिली थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज चिकित्सा कर्मी हमारे लिए देवदूत जैसे हैं। हमें उनके साथ सहयोग कर उनका उत्साहवर्धन करना चाहिए। मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि वह इस बीमारी के उपचार के लिए अपने मन से कोई दवा न लें। ऐसा करने से उनका जीवन संकट में पड़ सकता है। देशवासियों को चाहिए कि वे अंधविश्वास और अफवाहों से बचे ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशव्यापी बंदी से लोगों को कुछ तकलीफ होगी और विभिन्न स्तरों पर कुछ कमियां भी नजर आयेंगी। इसके बावजूद हमें निराशा को अपने पास नहीं आने देना है। जीवन आशा और विश्वास से ही चलता है। देश के नागरिक नियम-कानूनों और प्रशासन से जितना सहयोग करेंगे उतने ही बेहतर नतीजे मिलेंगे। कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए देश के संस्कारों और मूल्यों का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि संकट के समय हमारी संवेदनायें और जागृत हो जाती हैं। कोई भी बीमारी देश के संस्कारों को मिटा नहीं सकती । प्रधानमंत्री ने 21 दिन की बंदी का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की उम्र 21 दिन ही है। यदि इस अवधी में लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रहे तो इस संकट से उबरा जा सकता है।
कोरोना वायरस प्रकोप के संबंध में हाल के दिनों में प्रधानमंत्री का यह तीसरा संबोधन था। मंगलवार को उन्होंने 21 दिन की बंदी की घोषणा की थी। आज के संबोधन में उन्होंने नए हालात पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि आपदा बहुत बड़ी है लेकिन आपदा को अवसर में बदलना ही मानव जीवन की विशेषता है। एक विश्वव्यापी संकट का मुकाबला करने के लिए पूरी मानव जाति एक साथ आ गई है।

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