जल संसाधन मंत्री चौबे ने जिले के जलाशयों का किया निरीक्षण

धमतरी। प्रदेश के संसदीय कार्य, जल संसाधन एवं आयाकट, कृषि तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज जिले में स्थित मुरूमसिल्ली जलाशय, रविशंकर जलाशय तथा रूद्री बैराज का अवलोकन एवं निरीक्षण किया। केबिनेट मंत्री श्री चौबे आज दोपहर जिले के प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले मुरूमसिल्ली जलाशय, जो कि एशिया का सर्वप्रथम सायफन पद्धति से निर्मित बांध है, का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने जलाशय के भर जाने पर स्वचालित गेट खुलने के संबंध में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से तकनीकी एवं व्यावहारिक जानकारी ली। इसके बाद वे रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) पहुंचे, जहां पर जलाशय का पानी छोडऩे के लिए बनाए गए रेडियल गेट के स्ट्रक्चर का अवलोकन किया। साथ ही जलाशय की जलभराव क्षमता, यहां के पानी से लाभान्वित होने वाले जिले तथा रकबा के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान अधीक्षण अभियंता ने बताया कि वर्तमान में गंगरेल जलाशय में जलभराव का प्रतिशत 76.62 है एवं रबी फसल के लिए रूद्री बैराज के माध्यम से मुय नहर की वितरक शाखाओं के जरिए पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा मुरूमसिल्ली जलाशय में 39 प्रतिशत, दुधावा में 54.24 प्रतिशत तथा सोंढूर जलाशय में 69.77 प्रतिशत जलभराव वर्तमान में है। तदुपरांत मंत्री श्री चौबे ने रूद्री बैराज का अवलोकन एवं निरीक्षण किया। उन्होंने नवीन बैराज के डॉ. खूबचंद बघेल के नामकरण के संबंध में जानकारी लेते हुए बैराज पर तैयार किए गए पुल का अवलोकन किया। साथ ही सन् 1913 में ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित पुराने बैराज के बारे में भी पूछा तथा पत्थर से निर्मित स्ट्रक्चर के बारे में जानकारियां भी लीं। इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव अविनाश चंपावत, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता जयंत पवार, मुय अभियंता के.एस. ध्रुव, अधीक्षण अभियंताविरेन्द्र तिवारी सहित कार्यपालन अभियंता के.के. मिश्रा,अनिल पालडिय़ा सहित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इसके पहले, केबिनेट मंत्री श्री चौबे ने जिले के प्रवास के दौरान गंगरेल जलाशय स्थित विश्राम गृह में कृषि, पशुपालन, मछलीपालन तथा उद्यानिकी विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों की संक्षिप्त बैठक लेकर जिले में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के संबंध में विभागीय गतिविधियों एवं प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने धमतरी जिले का कृषि से संबंधित उत्पादन में उत्कृष्ट जिला निरूपित करते हुए किसानों को शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का अनिवार्य रूप से लाभ पहुंचाने तथा सुराजी गांव योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। विशेष तौर पर सुराजी गांव योजना पर आधारित विभागीय गतिविधियों को शासन की मंशानुसार अंतिम छोर पर स्थित व्यक्ति तक पहुंचाने हरसभव प्रयास एवं नवाचार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

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